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11 अगस्त 2011

डीयू के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में छात्राओं ने फिर से परीक्षा लेने पर रखीं अपनी शर्तें

जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की छात्राओं ने फिर से परीक्षा लेने पर नई शर्त रखी है। छात्राओं का कहना है कि विवि का परीक्षा विभाग फिर से परीक्षा लेने पर तैयारी का समय दे और पाठ्यक्रम कम करके प्रश्न पूछे । कॉपी परीक्षा विभाग ने खोई है, छात्रों ने नहीं। हालांकि प्रशासन इससे इंकार कर रहा है। वह छात्राओं को अपने कॅरियर पर ध्यान देते हुए परीक्षा की तैयारी करने को कहा है।

जानकीदेवी कॉलेज में संस्कृत, दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी और राजनीतिशास्त्र आनर्स की १०१ छात्राओं ने डिसिप्लीन कोर्स में समाजशास्त्र का पेपर दिया था। परीक्षा विभाग में इस पेपर की कॉपी खो गई। विभाग ने इन छात्राओं का रिजल्ट बाद में घोषित करने की बात कहकर फिर से १९ अगस्त को पेपर देने को कह रहा है। छात्राएं इसका विरोध कर रही हैं। कॉलेज की छात्राएं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर मीडिया को बताया कि यह गलती विभाग से हुई है इसलिए पीड़ित पक्ष को रियायत मिलनी चाहिए। फिर से परीक्षा लेने पर तैयारी का समय कम है। इसलिए उनकी मांग है कि परीक्षा की तिथि को १० दिन और बढ़ा दी जाए। 


इसके अलावा सिलेबस घटाकर सवाल पूछे जाएं। उधर परीक्षा विभाग के डीन प्रो आरसी शर्मा ने छात्राओं पर दूसरे की बात पर ध्यान नहीं देने को कहा है। उन्होंने कहा कि छात्राएं शिक्षक की बातों से गुमराह न हों। वे १९ को अपना पेपर देकर आगे की पढ़ाई पर ध्यान दें। विभाग उन्हें सहयोग देने को तैयार है(नई दुनिया,दिल्ली,11.8.11)।

दैनिक भास्कर ने इसे और अधिक विस्तार से छापा हैः
उत्तर पुस्तिकाएं गुम होने से परेशान जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की छात्राओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से राहत की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि 19 अगस्त की प्रस्तावित पुन: परीक्षा में अब कुछ दिन ही शेष रह गए हैं, इसलिए या तो परीक्षा तिथि को 10 दिन आगे बढ़ा दिया जाए या फिर पाठ्यक्रम में ही कटौती की जाए, लेकिन उनकी इस मांग को डीन परीक्षा विभाग ने यह कहते हुए नकार दिया है कि विभाग अपनी गलती स्वीकार करता है, पर इसका यह कतई मतलब नहीं है कि छात्राओं की हर नाजायज बात को स्वीकार किया जाए। बेहतर होगा कि छात्राएं अपनी तैयारी पर ध्यान दें।


जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में सोशलॉजी डिस्पिलन के पेपर की उत्तर पुस्तिकाएं खो जाने की समस्या से 106 छात्राएं सीधे तौर पर प्रभावित हुई हैं। द्वितीय वर्ष की यह छात्राएं फिलॉस्फी ऑनर्स, अंग्रेजी ऑनर्स, हिन्दी ऑनर्स, संस्कृत ऑनर्स और राजनीति विज्ञान ऑनर्स से हैं। उनका कहना है कि गलती उनकी नहीं है, इसलिए उन्हें राहत मिलनी चाहिए। एक पीड़ित छात्रा ने कहा कि परीक्षा विभाग की गलती के बावजूद हमारी मांग है कि परीक्षा 19 के बजाए 29 अगस्त को आयोजित की जाए, ताकि तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके। यदि यह भी सम्भव नहीं है तो पाठ्यक्रम में कटौती कर दी जाए, ताकि 19 अगस्त की परीक्षा में ही वे तैयारी के साथ बैठ सकें।

इस मामले पर जब डीन परीक्षा विभाग प्रो. आरसी शर्मा से पूछा गया तो उनका कहना था कि उत्तर पुस्तिकाएं खो जाने का मामला हैरान करने वाला है। इसमें छात्राओं की कोई गलती नहीं है, लेकिन परीक्षा के अलावा मूल्यांकन का कोई अन्य विकल्प उनके पास नहीं है, इसलिए छात्राएं परीक्षा की तैयारी करें तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिकाआें की खोजबीन अभी भी जारी है और यदि 19 अगस्त से पहले वे मिल जाती हैं तो मुमकिन है कि परीक्षा रद्द भी कर दी जाए। इसके साथ ही, डीन ने साफ किया है कि गलती बड़ी है, इसलिए दोषियों के खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी पूर्ण व्यवस्था तैयार की जाएगी।

कुलपति के जवाब का इंतजार
छात्रों की समस्याओं को लेकर अक्सर दिल्ली विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. दिनेश सिंह अपने ईमेल आईडी-  का प्रचार करते रहते हैं, लेकिन जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की छात्राओं की नजर में इस सुविधा को कोई लाभ नहीं है। उनका कहना है कि परीक्षा विभाग की ओर से उत्तर पुस्तिकाएं खोने के बाद उन पर बिना उनकी सलाह लिए पुन: परीक्षा का दबाव बनाया जा रहा है और इसकी जानकारी कुलपति को ई-मेल के जरिये दो दिन पहले ही दी जा चुकी है। बावजूद इसके अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। छात्राओं का कहना है कि जिस तरह से उनकी समस्या को लेकर कुलपति शांत हैं, उससे तो यही लगता है कि उन्हें ई-मेल करने का कोई लाभ नहीं है।

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