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16 अगस्त 2011

बिहारःनए सत्र से पीएचडी की नई गाइडलाइन

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी पीएचडी की नई गाइडलाइन नए सत्र से प्रभावी हो जाएगी। विश्वविद्यालय की ओर से बनायी गयी कमेटी ने पीएचडी के नई गाइडलाइन से संबंधित अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है । पहले दो बैठ कों में स्टेच्यूटरी कमेटी ने नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया था। पीएचडी गाइडलाइन की मामूली गलती को सुधार कर लिया गया। नए नियम के तहत प्री पीएचडी टेस्ट में सफ लता प्राप्त क रने वाले छात्रों को साक्षात्कार देना होगा। इसके बाद शोधार्थी को छह माह के लिए शोध की विधि का कोर्स क रना होगा। इसके बाद फि र से छात्रों को परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा में सफ लता प्राप्त क रने के बाद शोध कार्य करने का मौका मिलेगा। मतलब यह कि अब शोध करना इतना आसान नहीं रह गया है । पीएचडी की नई गाइडलाइन के तहत शोधपत्र को यूजीसी की वेबसाइट पर जारी करना होगा। नए नियम के तहत छात्रों के शोधपत्रों का मूल्यांकन एक के बजाए दो विशेषज्ञ करेंगे। इसमें एक दूसरे राज्य का विशेषज्ञ होगा। किसके मार्गदर्शन में छात्रों को शोध करना है यह छात्र नहीं विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई कमेटी तय करेगी। विषयवार सीटों का उल्लेख वेबसाइट पर करना होगा। पास छात्र-छात्राओं को तय सीमा के अंदर शोधपत्र तैयार करना होगा(हिंदुस्तान,पटना,स्वतंत्रता दिवस,2011)।

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