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11 अगस्त 2011

भारतीय आर्थिकी सेवा की तैयारी

आईएएस की भांति इंडियन इकोनॉमिक सर्विस (आईईएस) और इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस (आईएसएस) को भी देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक माना जाता है। अखिल भारतीय स्तर की इस चयन परीक्षा का आयोजन भी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। सफल प्रत्याशियों की नियुक्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अलावा टैरिफ कमीशन, प्लानिंग कमीशन, लेबर ब्यूरो, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी, योजना आयोग आदि में उच्च पदों पर की जाती है।

योग्यता
जिन विद्यार्थियों के पास इकोनॉमिक्स, अप्लायड इकोनॉमिक्स, बिजनेस इकोनॉमिक्स या इकोनॉमेट्रिक्स अथवा स्टैटिस्टिक्स, मैथमेटिकल स्टैटिस्टिक्स या अप्लायड स्टैटिस्टिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हो, वही इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। आवेदक की आयु 21 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

परीक्षा का स्वरूप

लिखित परीक्षा के अंकों का कुल मान 1000 होता है और इसमें अंग्रेजी और जनरल स्टडीज के अलावा इकोनॉमिक्स व स्टैटिस्टिक्स पर आधारित चार-चार प्रश्न-पत्र होते हैं। इकोनॉमिक्स व स्टैटिस्टिक्स के प्रश्न-पत्रों का स्तर मास्टर्स डिग्री का होता है। अंग्रेजी व जनरल स्टडीज के प्रश्न-पत्रों के लिए 100-100 अंक निर्धारित हैं, जबकि इकोनॉमिक्स व स्टैटिस्टिक्स का प्रत्येक पेपर 200 अंकों का होता है। प्रत्येक प्रश्न-पत्र की अवधि 3 घंटे की होती है और उत्तर सब्जेक्टिव टाइप ही लिखने की अनिवार्यता होती है। लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार (200 अंक) से भी रूबरू होना पड़ता है।

अंग्रेजी
इस प्रश्न-पत्र का स्तर प्रायः ग्रेजुएशन के स्तर का होता है। इसमें निबंध लेखन के अतिरिक्त अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल करने की क्षमता की जांच और अनुच्छेद पर आधारित प्रश्न होते हैं। विविध विषयों पर तय शब्द सीमा में निबंध लिखने की प्रैक्टिस करना ठीक रहता है। इसी प्रकार वर्ड पॉवर बढ़ाने के लिए नित कुछ नए शब्दों का इस्तेमाल फायदेमंद कहा जा सकता है।

जनरल स्टडीज
इसमें सामयिक घटनाओं से जुड़े प्रश्न होते हैं। रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी घटनाओं से संबंधित तार्किक जानकारी भी इस खंड के लिए उपयोगी कही जा सकती है। इसके अलावा भारतीय राजनीति के विविध आयामों से परिचित होना भी प्रत्याशियों के लिए आवश्यक है। अन्य प्रश्न इतिहास, भूगोल तथा ऐसे ही सब्जेक्ट्स पर आधारित हो सकते हैं।

इकोनॉमिक्स
जनरल इकोनोमिक्स 1- इसके सिलेबस में थ्योरी ऑफ कंज्यूमर डिमांड, थ्योरी ऑफ प्रोडक्शन, थ्योरी ऑफ वैल्यू, थ्योरी ऑफ डिस्ट्रिब्यूशन, वेलफेयर कोनॉमिक्स, नेशनल इनकम एंड सोशल एकाउंटिंग, थ्योरी ऑफ एम्प्लॉयमेंट, मैथमेटिकल मेथड्स इन इकोनॉमिक्स आदि पर आधारित प्रश्न होते हैं। 

जनरल इकोनोमिक्स 2- इस पेपर में इकोनॉमिक ग्रोथ, डेवलपमेंट ऐंड मेजरमेंट, इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स, बैलेंस ऑफ पेमेंट्स, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूशन, मनी एंड बैंकिंग आदि टॉपिक्स से प्रश्न होते हैं।

जनरल इकोनॉमिक्स 3- इसमें एन्वॉयरनमेंट इकोनॉमिक्स, अर्बनाइजेशन एंड माइग्रेशन, प्रोजेक्ट अप्रेजल, फाइनेंशियल एंड कैपिटल मार्केट, फिस्कल पालिसी, स्टेट मार्केट ऐंड प्लानिंग आदि विषयों को शामिल किया जाता है।

इंडियन इकोनॉमिक्स- हिस्ट्री ऑफ डेवलपमेंट एंड प्लानिंग, डीसेंट्रलाइज्ड प्लानिंग, यूनियन स्टेट फाइनेंशियल रिलेशंस, एग्रीकल्चर ऐंड ह्यूमन डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल लेबर, फॉरन ट्रेड, मनी एंड बैंकिंग, बजट एंड फिस्कल पालिसी जैसे विषयों को इस पेपर में रखा जाता है। 

स्टैटिस्टिक्स
इंडियन स्टैटिस्टिक्ल सर्विस में जाने के इच्छुक प्रत्याशियों को अंग्रेजी और जनरल स्टडीज के अतिरिक्त इकोनॉमिक्स के विभिन्न पेपर्स के बदले स्टैटिस्टिक्स के निम्न पेपर्स में सम्मिलित होने की जरूरत होती हैं-
स्टैटिस्टिक्स 1- इसमें प्रोबैबिलिटी, स्टैटिस्टिकल मेथड्स व न्यूमेरिकल एनालिसिस से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। 
स्टैटिस्टिक्स 2- इस पेपर में लीनियर मॉडल्स, एस्टीमेशन, हायपोथिसिस टेस्टिंग एंड स्टैटिस्टिकल क्वालिटी कंट्रोल, मल्टी वैरियेट एनालिसिस आदि के प्रश्न होते हैं। 
स्टैटिस्टिक्स 3- इस पेपर में सैम्पलिंग टेक्नीक्स, डिजाइन ऐंड एनालिसिस ऑफ एक्सपेरिमेंट्स, इकोनॉमिक स्टैटिस्टिक्स, इकोनॉमीट्रिक्स से संबंधित प्रश्न होते हैं। 
स्टैटिस्टिक्स 4- ऑपरेशनल रिसर्च, डेमोग्राफी ऐंड वाइटल स्टैटिस्टिक्स और कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड डेटा प्रोसेसिंग से संबंधित प्रश्न इसमें पूछे जाते हैं(अशोक सिंह,अमरउजाला,10.8.11)।

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