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25 अगस्त 2011

उत्तराखंडःनिजी कॉलेजों में बिना अनुमति चल रहे कई पाठय़क्रम

प्रदेश में निजी कॉलेज नियमों को ताक पर रख विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग में अराजकता का यह आलम है कि प्रदेश में निजी कॉलेज व संस्थानों में शासन की इजाजत के बगैर ही 38 पाठय़क्रम चलाए जा रहे हैं। प्रदेश के शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 37 ऐसे निजी स्ववित्त पोषित संस्थानों में 99 पाठय़क्रम चल रहे हैं जिनमें संचालित 38 पाठय़क्रमों पर शासन ने आपत्तियां लगाई है। 38 अन्य पाठय़क्रमों के संबंध में विविद्यालयों ने पाठय़क्रम का अनुमोदन किया है लेकिन शासन व उच्च शिक्षा निदेशालय ने उनमें कुछ खामियां पाई हैं। इसलिए इन पाठय़क्रमों को संस्थानों में शुरू करने पर सहमति ही नहीं दी गई है। हैरत की बात यह है कि कुछ कॉलेजों ने नियम कानूनों की धज्जिया उड़ाते हुए शासन की इजाजत के बगैर उन पाठ्यक्रमों में बच्चों को प्रवेश देकर पढ़ाई भी शुरू कर दी गई। यहां तक कि विविद्यालय ने परीक्षा भी आयोजित कर दी। यह खुलासा हुआ है राज्य सूचना आयोग में आए एक मामले से। बरेली उप्र निवासी सुमितपाल सिंह बनाम कुल सचिव कुमाऊं विवि मामले में राज्य सूचना आयुक्त प्रभात डबराल ने शासन को मामले की जांच के आदेश दिए थे। शासन की रिपोर्ट सामने आने के बाद आयोग ने कहा है कि इस मामले से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक अराजकता उजागर हुई है। राज्य सूचना आयुक्त डबराल ने छात्रों के भविष्य से जुड़े इस मामले में मुख्य सचिव को जांच कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने साफ कहा है कि प्रदेश में ऐसे कई मामले हो सकते हैं जहां शासन की अनुमति के बगैर ही कॉलेजों में छात्रों को दाखिला दे दिया गया हो और बाद में छात्रों के भविष्य का सवाल खड़ा करते हुए शासन पर जोर डालते हुए बैकडेट पर सिफारिश प्राप्त कर ली हो(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,25.8.11)।

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