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10 अगस्त 2011

लखनऊ विवि में इस साल दीक्षांत समारोह नहीं


लखनऊ विविद्यालय में इस वर्ष दीक्षांत समारोह नहीं हो सकेगा। विविद्यालय के स्नातक-परास्नातक और पीएचडी को मिलाकर करीब 16 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को उपाधियों को लिए अगले वर्ष तक इंतजार करना होगा। विविद्यालय ने दीक्षांत समारोह के लिए राज्यपाल से समय मांगा था, तो वर्ष 2011 में राज्यपाल से विविद्यालय को समय नहीं मिला है। प्रमुख सचिव राज्यपाल ने विविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र को मंगलवार को पत्र भेजकर राज्यपाल से 9 फरवरी 2012 को दीक्षांत समारोह आयोजित कराने की मंजूरी भेज दी है। राजभवन से समय मिलने के बाद अब कुलपति प्रो. मिश्र ने परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार और प्रतिकुलपति से जरूरी मंतण्रा के लिए लिखा है। उल्लेखनीय है कि विविद्यालय ने 2009-10 का दीक्षांत समारोह 27 नवम्बर 2010 को आयोजित किया गया था। इसमें प्रधानंमत्री के आर्थिक सलाहकार पद्म विभूषण कौशिक वसु शामिल हुए थे, लेकिन अब 2010-11 का दीक्षांत समारोह अगले वर्ष के लिए टल गया है। इस दौरान सभी रिजल्ट आने के बाद भी छात्र-छात्राओं को उपाधियों के लिए 9 फरवरी 2012 का इंतजार करना पड़ेगा। लखनऊ विविद्यालय में अकेले स्नातक कक्षाओं में 4 हजार और परास्नातक कक्षाओं में दो हजार से ज्यादा डिग्री हर सत्र में दी जाती है। पीएचडी व डीलिट मिलाकर एक हजार छात्रों को सालाना उपाधि दे दी जाती है। लविवि से सम्बद्ध 107 कालेजों में अधिकांश में एक सत्र पूरा होने पर उनकी संख्या भी 6000 से ऊपर जा सकती है। विधि स्नातक की 1800 छात्रों को भी हर वर्ष उपाधियां प्रदान की जाती हैं। सभी कालेजों को मिलाकर सीटों की संख्या अब 20 हजार से ऊपर जा चुकी है। ऐसे में शैक्षिक सत्र 2010-11 के अभ्यर्थियों को अपनी डिग्री के लिए करीब डेढ़ वर्ष तक का इंतजार करना होगा। उल्लेखनीय है कि दीक्षांत समारोह में उपाधियां व मेडल कुलाधिपति राज्यपाल के हाथों वितरित होती हैं। इसके मद्देनजर तिथि निर्धारण में राज्यपाल की उपलब्धता विशेष रहती है। राजभवन से तिथि मिलने के बाद ही दीक्षांत समारोह का मुख्य अतिथि तय होता है और मेडल चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। सूत्रों का कहना है कि यूपी में विधानसभा चुनावों का एलान हो गया तो लविवि की दीक्षांत समारोह भी खटाई में पड़ सकता है,हालांकि विविद्यालय के अधिकारी चुनाव से दीक्षांत समारोह पर असर की बात नहीं मान रहे हैं। लखनऊ विविद्यालय ने छह जून को राज्यपाल से दीक्षांत समारोह के लिए समय और मंजूरी मांगी थी, लेकिन उन्हें वर्ष 2011 में कोई समय नहीं मिल सका(कमल तिवारी,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,10.8.11)।

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