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02 अगस्त 2011

लखनऊःएमिटी में सैकड़ों छात्र फेल, हंगामा

एमिटी विश्वविद्यालय में सैकड़ों छात्र-छात्राओं के अनुत्तीर्ण होने पर विवाद खड़ा हो गया है। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर फेल किया गया है ताकि एक साल की मोटी फीस फिर ली जा सके। साल खराब होने से छात्र-छात्राएं अवसाद में हैं। अचानक तबीयत बिगड़ने पर एक छात्रा को पत्रकारपुरम स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देर रात तक छात्र विश्वविद्यालय परिसर में अनशन पर बैठे रहे। एमिटी में बी-कॉम आनर्स, सीएलआइबी, बीबीए, बीसीए के तकरीबन तीन सौ छात्र-छात्राओं को अनुत्तीर्ण कर दिया है। छात्रों ने बताया पहले उनकी उपस्थिति को कम बताया गया और बाद में उनका साल ही खराब कर दिया गया है। उपस्थिति कम होने पर सप्लीमेंट्री पेपर दिया जाता है लेकिन विवि प्रशासन ने इस नियम के विपरीत विद्यार्थियों को फेल कर दिया है। छात्रों का आरोप है कि एक साल की लाखों रुपये फीस लेने के कारण जानबूझकर सबको अनुत्तीर्ण किया गया है। विवि प्रशासन के इस निर्णय के विरोध में छात्रों ने सोमवार को विवि परिसर में आक्रोश व्यक्त किया। देर शाम छात्र परिसर में अनशन पर बैठ गए। बीकॉम तृतीय वर्ष की छात्रा सुरभि जायसवाल की इसी बीच तबीयत खराब हो गई। आननफानन उसे अस्पताल भेजा गया है। कानपुर की रहने वाली सुरभि एमिटी विवि के छात्रावास रहती है। सुरभि के घरवालों ने बताया कि वह अवसाद में है, अनुत्तीर्ण होने से उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। छात्र देर रात तक धरने पर बैठे रहे। विवि प्रवक्ता आशुतोष चौबे का कहना है कि छात्रा कई दिनों से बीमार थी। छात्र फेल होने पर बेवजह का हंगामा कर रहे हैं(दैनिक जागरण,लखनऊ,2.8.11)।

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