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15 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःइंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक में प्रवेश से चूके पांच हजार छात्र

प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक कॉलेजों में पांच हजार छात्र काउसिलिंग प्रक्रिया में त्रुटियां करने के कारण प्रवेश से चूक गए हैं। इनमें कई तो ऐसे हैं, जिन्हें पीईटी में अच्छे नंबर मिले हैं। इन छात्रों को अब द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में भाग लेने का अवसर मिलेगा, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इन्हें पसंद का कॉलेज या ब्रांच मिल ही जाए।

बीई में प्रवेश पाने से चूकने वालों की संख्या लगभग 3500 और पॉलीटेक्निक में 1500 है। बीई प्रथम चरण की काउंसिलिंग में 43 हजार एवं पॉलीटेक्निक में 11 हजार छात्रों ने कॉलेज लॉक किया था। प्रवेश पाने से चूके छात्रों का कहना है कि उन्हें काउंसिलिंग के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए कॉलेज का चयन ठीक से नहीं कर सका।

इनमें कुछ ऐसे भी छात्र हैं जिन्होंने रजिस्ट्रेशन एवं सत्यापन तो कराया, लेकिन कॉलेज लॉक करना भूल गए। ऐसे छात्रों के पीईटी में अच्छे अंक आए थे। प्रवेश से चूके छात्र द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए छात्रों को तीस रुपए पोर्टल चार्ज देना होगा।

कहां हुई चूक?

डीटीई के मुताबिक बीई एवं पॉलीटेक्निक प्रथम चरण की काउंसिलिंग में भाग लेने वाले छात्रों ने रजिस्ट्रेशन एवं सत्यापन के बाद लॉकिंग संबंधी गलतियां की हैं। ऐसे छात्रों ने मेरिट के आधार पर कॉलेजों का चयन नहीं किया। पसंद के कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए केवल एक कॉलेज एवं एक ब्रांच को ही लॉक किया। कुछ ने तो रजिस्ट्रेशन और सत्यापन के बाद 5100 रुपए भुगतान नहीं किया। विभाग ने ऐसे छात्रों को कॉलेज आवंटित नहीं किया।

ये है स्थिति
- बीई की कुल सीटें- 8५ हजार
- प्रथम चरण में प्रवेश- 20 हजार
- 19 हजार छात्रों ने अपग्रेडेशन का विकल्प चुना
- पॉलीटेक्निक की सीटें- 11 हजार
- रिक्त- 1500

छात्रों की गलती से प्रवेश हुए कम
बीई एवं पॉलीटेक्निक काउंसिलिंग के दौरान छात्रों की गलतियों के कारण प्रवेश कम हुए अन्यथा इंजीनियरिंग की 43 हजार एवं पॉलीटेक्निक की 11 हजार सीटें भर जातीं। अब पॉलीटेक्निक की करीब 1500 एवं बीई की 43 हजार सीटें रिक्त हैं(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,स्वतंत्रता दिवस,2011)।

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