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23 अगस्त 2011

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्डः परीक्षा पैटर्न पर असमंजस से छात्र परेशान

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सत्र में होने वाली परीक्षाओं का पैटर्न स्पष्ट नहीं किए जाने से विद्यार्थियों और शिक्षकों के सामने जबरदस्त असमंजस की स्थिति है। पैटर्न की जानकारी नहीं होने से विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहे है, वहीं शिक्षक इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि वे बच्चों को किस परीक्षा पैटर्न के आधार पर पढ़ाई और अभ्यास करवाएं।

गौरतलब है कि प्रदेश में नेशनल कैरिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर इस साल से कक्षा 10 और 12 में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। इस नए पाठ्यक्रम के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। सत्र 2010-11 में कक्षा 9 और 11 के लिए पहले ही एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जा चुका है। बोर्ड की कक्षा 10 और 12 में इस नए पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद अभी यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है कि बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न किस प्रकार का होगा।

हालांकि विभागीय अघिकारियों ने यह तो स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा एकल प्रश्न पत्र प्रणाली के आधार पर होगी। उसके लिए अंक विभाजन योजना भी जारी कर दी है, लेकिन परीक्षा का पैटर्न सीबीएसई का होगा या फिर बोर्ड के द्वारा नया पैटर्न तय किया जाएगा। इन सवालों पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं को सकी है। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों में असमंजस है।


इस असमंजस पर माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक की ओर से बोर्ड सचिव मिरजूराम शर्मा को पत्र लिखकर परीक्षा पैटर्न की जानकारी शीघ्र उपलब्ध करवाए जाने की बात कही है। ताकि विद्यार्थी नए पैटर्न के हिसाब से तैयारी कर सकें। बोर्ड की ओर से अभी परीक्षा पैटर्न से संबंघित मॉडल प्रश्न पत्र भी जारी नहीं किया गया है।

शिक्षक और विद्यार्थी इसलिए भी असमंजस में है कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड में अब एक जैसा हो गया है, लेकिन बोर्ड कक्षाओं में राजस्थान बोर्ड और सीबीएसई का परीक्षा पैटर्न अलग-अलग है। उदाहरण के लिए माध्यमिक शिक्षा की बोर्ड परीक्षा के अनिवार्य हिंदी विषय के प्रश्न पत्र में बहुउत्तरीय (विकल्पात्मक) प्रश्न अघिक संख्या में पूछे जाते हैं, जबकि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में ये प्रश्न सीमित पूछे जाते हैं। ऎसे में यह साफ नहीं हो पा रहा है कि बच्चे किस परीक्षा पैटर्न के आधार पर तैयारी करें। साथ ही शिक्षक किस पैटर्न के आधार पर विद्यार्थियों को अभ्यास करवाएं। 

इनका कहना है 
बोर्ड को शीघ्र ही परीक्षा पैटर्न घोषित कर विद्यार्थियों के लिए मॉडल प्रश्न पत्र जारी करना चाहिए। ताकि वे निर्घारित पैटर्न के आधार पर अपनी तैयारी कर सकें। महेन्द्र पांडे, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ(राजस्थान पत्रिका,जयपुर,23.8.11)

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