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25 अगस्त 2011

यूपी बोर्ड से कक्षा नौ की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा खत्म

यूपी बोर्ड में भी बदलाव की बयार बह रही है। हाईस्कूल में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली (सीसीइ) इस सत्र से लागू कर दी गई है। इसके तहत परीक्षार्थियों का लिखित परीक्षा के अलावा प्रायोगिक और आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदले पैटर्न के बाद नौवीं कक्षा से अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा नहीं होगी। सीबीएसइ की तरह यूपी बोर्ड ने इस सत्र से हाईस्कूल में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली लागू की है। इसमें हाईस्कूल (नौवीं और दसवीं) में 70 अंकों के एक प्रश्नपत्र की लिखित परीक्षा होगी। 30 अंकों का प्रायोगिक और आंतरिक मूल्यांकन स्कूल स्तर पर होगा। अभी तक नौवीं कक्षा में सौ नंबर की अ‌र्द्धवार्षिक और सौ नंबर की वार्षिक परीक्षा होती थी। दोनों को जोड़कर नौवीं का रिजल्ट तैयार होता था। स्कूलों को जो गजट भेजा गया है। उसे लेकर जिले के स्कूल असमंजस में हैं कि वे नौवीं में अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा कराए कि न कराएं। स्कूलों की असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए दैनिक जागरण ने बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी से पूछा तो उन्होंने बताया कि नौवीं कक्षा की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा अनिवार्य नहीं है। स्कूल कराएं या ना कराएं यह उनकी इच्छा पर निर्भर है। दसवीं में बोर्ड की जिस तरह से 70 नंबर की लिखित परीक्षा होगी। उसी तरह से स्कूल नौवीं कक्षा की 70 नंबर की लिखित वार्षिक परीक्षा कराएंगे।
भ्रम दूर करें, य यह परीक्षा की घड़ी 
बालेराम ब्रजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि नौवीं की अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा छात्रों के लिए जरूरी है। इस परीक्षा का स्कूल की इच्छा पर निर्भर होना सही नहीं होगा। भले ही नौवीं में इसके नंबर न जोड़े जाएं, अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा जरूरी है। केके इंटर कालेज के प्रधानाचार्य और प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष डा. वीर बहादुर सिंह ने बताया कि गजट देर से मिला। अगस्त में आंतरिक परीक्षा करानी है। इसलिए एक दिन में दो विषयों की आंतरिक परीक्षा होगी(विवेक राव,दैनिक जागरम,मेरठ,25.8.11)।

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