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27 अगस्त 2011

राजस्थानःइंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का बदला रुख

राजस्थान में इंजीनियरिंग एजुकेशन के हालात अच्छे नहीं हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आरपीईटी की ओर से इंजीनियरिंग कॉलेज अलॉटमेंट हो गए हैं, लेकिन आरपीईटी के अनुसार राज्य के 175 इंजीनियरिंग कॉलेजों में से सिर्फ 27 कॉलेज ऐसे हैं, जिनकी फस्र्ट अलॉटमेंट में सभी सीटें भरी हैं। दूसरी ओर 72 कॉलेजों को 100 से कम और 52 कॉलेजों को 50 से कम स्टूडेंट मिले हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि 36 कॉलेजों को 25 स्टूडेंट भी नहीं मिले।

प्लेसमेंट पर भी असर
स्टूडेंट्स इसके लिए आरटीयू को जिम्मेदार मान रहे हैं। आरटीयू की ओर से सेशन का सही समय पर शुरू नहीं करना और रिजल्ट में देरी जैसे कारणों से साख गिरती जा रही है। रिजल्ट में देरी की वजह से कई बार स्टूडेंट्स बेहतर कंपनियों में प्लेसमेंट से भी वंचित रह जाते हैं।

कहां जा रहे हैं स्टूडेंट्स?
आरपीईटी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस वर्ष करीब 70 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने आरपीईटी एग्जाम दिया था, लेकिन फस्र्ट काउंसलिंग में करीब 23 हजार को कॉलेज अलॉट हुए। अब यह 45 हजार स्टूडेंट्स कहां गए? स्टूडेंट्स समय रहते राज्य की डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के साथ दूसरों राज्यों का रुख कर रहे है।

कुछ ऐसी बनी सोच

एक सर्वे के अनुसार स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए दूसरे राज्यों के कॉलेजों को भी चुन रहे हैं। इसलिए इंजीनियरिंग के इच्छुक स्टूडेंट्स प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटीज को भी देखते हैं। बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, अनुभवी फैकल्टी, एग्जाम और रिजल्ट का समय पर आना जैसे आकर्षण शामिल हैं। दूसरी ओर आरटीयू में एडमिशन, सैशन, एग्जाम और रिजल्ट जैसे मामलों में कैलेंडर फॉलो नहीं होता। स्टूडेंट राजीव शर्मा कहते हैं, आरटीयू के कॉलेजों में जहां फस्र्ट अलॉटमेंट के बाद भी आधी सीटें खाली हैं और शायद डायरेक्ट एडमिशन देने की तैयारी चल रही है, वहीं अन्य संस्थानों में एडमिशन और ओरिएंटेशन प्रोग्राम होकर कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं।

निजी कॉलेजों के सामने यह चैलेंज की बात है और उन्हें बेहतर इन्फ्रास्ट्रेक्चर और अच्छी फैकल्टी रखकर इसे पूरा करना होगा। आरटीयू की ओर से अब हर सेमेस्टर का रिजल्ट तीन महीने में देने की पहल की जा रही है।""
प्रोफेसर आर.पी. यादव, वीसी आरटीयू 
आरटीयू और कॉलेजों में बेहतर तालमेल के अभाव में स्टूडेंट्स विमुख हो रहे हैं। दूसरी ओर निजी संस्थान श्रेष्ठ प्लेसमेंट इन्फ्रास्ट्रेक्चर के साथ रिजल्ट समय पर देने से फायदे में हैं।""
डॉ. बी.वी. फोमशेखर, वीसी ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी(विजय सिंह,दैनिक भास्कर,जयपुर,27.8.11)

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