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12 अगस्त 2011

पटना यूनिवर्सिटीःएमबीए एडमिशन में धांधली !

पटना विश्वविद्यालय के एमबीए प्रथम खंड में एक बार फिर नामांकन में गड़बड़ी होने की आशंका है. कोर्स को-ऑर्डिनेटर ने यह आरोप लगा कर पद से इस्तीफा दे दिया है.अप्लायड इकोनॉमिक्स एंड कॉमर्स विभाग में संचालित की 60 में से 30 सीटों पर आरक्षित श्रेणी के छात्रों का नामांकन होता है.
इनमें बीसी-1 के लिए चार और बीसी-2 के लिए सात सीटें हैं. कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ एमसी प्रसाद का कहना है कि इन पर जेनरल कोटा के छात्रों का नामांकन लिया गया. नामांकन में कोर्स को-ऑर्डिनेटर की प्रमुख भूमिका होती है, लेकिन मेरिट लिस्ट तैयार करने में मुझसे राय नहीं ली गयी. इस कारण उन्होंने कुलसचिव को पत्र लिख कर इस्तीफा भेज दिया है.

मालूम हो कि वर्ष 2008-09 में भी एमबीए में नामांकन में गड़बड़ी हुई थी. तब तत्कालीन कुलपति डॉ श्यामलाल ने जांच कमेटी की रिपोर्ट पर दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया था. उन्हें बाद में बरखास्त कर दिया गया. हालांकि, राजभवन के हस्तक्षेप के बाद दोनों शिक्षकों की सेवा वापस कर दी गयी. दूसरी ओर, विभागाध्यक्ष डॉ बीएन पांडेय ने कहा कि डॉ प्रसाद को कोर्स को-ऑर्डिनेटर नियु किया गया था, लेकिन उन्होंने इस पद पर योगदान नहीं दिया, तो इस्तीफा कैसे दे सकते हैं. उन पर कई आरोप हैं. वे अपने कार्यो को छिपा रहे हैं.
विश्वविद्यालय ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जहां तक एमबीए की मेरिट लिस्ट की बात है, इसकी सूची नामांकन कमेटी की राय पर तैयार की जाती है. नामांकन में गड़बड़ी नहीं हुई है. उनका आरोप गलत है(प्रभात खबर,पटना,12.8.11).

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