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02 अगस्त 2011

उदयपुर का एमबी स्कूल ऑफ नर्सिंगःभविष्य से खिलवाड़ पर कोई कार्रवाई नहीं

एमबी स्कूल ऑफ नर्सिग के छात्रों के अंकों में हेराफेरी के मामले में प्रधानाचार्य को दोषी ठहराए जाने के बावजूद न तो छात्रों के अंक बढ़ सके हैं और न ही कोई कार्रवाई हो सकी। छात्रों ने अधीक्षक से लेकर मंत्री तक गुहार लगाकर जांच कमेटियां गठित करवाई। जब दो कमेटियों ने अंकों में हेराफेरी पर मुहर लगाते हुए प्रधानाचार्य को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है, उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है।
दरअसल, नर्सिग तृतीय वर्ष के छात्रों ने द्वेषतापूर्वक आंतरिक मूल्यांकन में अंक कम करने की शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और आरएनटी मेडिकल कॉलेज ने अपनी-अपनी जांच कमेटियां गठित की थी। दोनों कमेटियों ने प्राचार्य विजया अजमेरा को अंकों में कटौती करने के लिए दोषी करार दिया।
ट्यूटर ने भी लगाया आरोप
इधर, रिपोर्ट के अलावा नर्सिग स्कूल की एक ट्यूटर ने भी प्राचार्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए दस्तावेज में गड़बड़ करने का आरोप लगाया। ट्यूटर रूथ डी राम ने उ"ााधिकारियों से लेकर कलक्टर तक शिकायत दर्ज कराई है कि प्राचार्य ने उसके हस्ताक्षर से युक्त सूची में हेर-फेर की जबकि अंकों का विवरण उसकी हस्तलिपि से मेल ही नहीं खाता।


यह है मामला
प्रधानाचार्य ने जीएनएम हॉस्टल में बीएससी छात्रों को रखने के लिए अंतिम वर्ष के छात्रों पर तुरंत हॉस्टल खाली करने का दबाव बनाया था। प्रधानाचार्य द्वारा अनुरोध नहीं सुनने से बौखलाए छात्र-छात्राओं ने हड़ताल करते हुए स्कूल पर ताला जड़ दिया। विद्यार्थियों का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करते हुए उन्हीं छात्रों के अंक कम कर दिए जो अपने हक के लिए आगे आए। नियमानुसार आंतरिक मूल्यांकन या सत्रांक छात्र के पूरे साल के प्रदर्शन के आधार पर विषयाध्यापक देते हैं।
'मैं जल्द ही मामले और रिपोर्ट को देखकर बताता हूं कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है और किस स्तर पर संरक्षण दिया जा रहा है।'
- बी.के.दोषी, अतिरिक्त निदेशक (अराजपत्रित कार्मिक)(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,2.8.11)

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