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13 अगस्त 2011

डूसू चुनाव में फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स को अवसर नहीं!

दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को छात्रसंघ चुनाव लड़ पाना संभव नहीं होगा। यदि सबकुछ योजनागत ढंग से चला तो डीयू में सत्र 2011-12 में छात्रसंघ की सत्ता पर कोई भी फस्र्ट ईयर का स्टूडेंट्स काबिज नहीं हो सकेगा।

चुनाव अधिकारियों की ओर से इस बाबत एक प्रस्ताव तैयार कर कुलपति प्रो. दिनेश सिंह को भेज दिया गया है और उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।

डूसू चुनाव कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार ग्रेजुएशन में लागू हो रहे सेमेस्टर सिस्टम के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रथम वर्ष में फेल हुए सभी छात्रों को पुन: प्रथम वर्ष में दाखिले का फरमान सुनाया है। अब वे एक्स छात्र के तौर पर कॉलेज से बाहर रहकर नहीं बल्कि नए छात्र के तौर पर कक्षाओं में दाखिल होंगे।

ऐसे में चुनाव अधिकारियों की परेशानी इस बात को लेकर है कि जो छात्र बीते साल भी चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बन चुके हैं, उन्हें तो एक बार फिर से सुनहरा मौका मिल रहा है। इसी बात को आधार बनाते हुए चुनाव कार्यालय की ओर से काफी चर्चा के बाद एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें कुलपति को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए इस सत्र में प्रथम वर्ष के छात्रों को डूसू चुनाव लड़ने से रोकने की बात कही गई है। 

अब फैसला कुलपति पर निर्भर करता है। यदि वहां से भी मंजूरी की मोहर लगती है तो प्रथम वर्ष के नए छात्र डूसू तक का सफर इस साल पूरा नहीं कर पाएंगे(दैनिक भास्कर,दिल्ली,13.8.11)।

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