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28 अगस्त 2011

सीकरःकॉमर्स शिक्षकों की कमी बन रही है परेशानी का सबब

‘हमें पढ़ना है। कैसे पढ़ें। कॉमर्स विषय पढ़ाने वाले टीचर नहीं हैं। शिक्षक 100-100 रुपए मांगते हैं। आवाज उठाते हैं तो टीसी कटवाने के लिए कहा जाता है। शिक्षा विभाग में शिकायत के लिए कहते हैं तो कहा जाता है, अन्ना ने आंदोलन करके क्या कर लिया। सर, आप बताएं, क्या हमें पढ़ने का हक नहीं है। क्या हम सपने नहीं देख सकते।’

शुक्रवार को बजाज रोड स्थित राजकीय कन्या पाठशाला सीनियर सैकंडरी स्कूल की 11-12वीं कक्षा की करीब 25 छात्राएं छुट्टी के बाद डेढ़ बजे शिक्षा विभाग पहुंचीं। कुछ इस तरह बयां किया दर्द। यह पहला मामला है, जब किसी स्कूल की छात्राएं खुद शिक्षा विभाग पहुंचीं और शिक्षकों की नियुक्ति की मांग रखी। पहले तो उनके कदम डीईओ ऑफिस के बाहर ही थम गए। 15 मिनट आपस में गुफ्तगु के बाद कुछ छात्राएं डीईओ के चैंबर में दाखिल हुईं। डीईओ चैंबर में नहीं थे। कुछ देर इधर-उधर घूमने के बाद शैक्षिक प्रकोष्ठ के कमरे में चली गई। छात्राओं ने सवाल किया- क्या हमें सपने पूरा करने का हक नहीं है। कॉमर्स की छात्राएं हैं। अकाउंट, बिजनेस एडमिन व ईएफएम पढ़ाने के लिए दो साल से टीचर नहीं है। हमारी मांग पर स्कूल ने दो प्राइवेट टीचर रख लिए। अब हमसे उनकी तनख्वाह के लिए 100-100 रुपए मांगे जा रहे हैं।

स्कूल के शिक्षक कहते हैं, ट्यूशन भी तो करती हो, पैसे नहीं दे सकती तो टीसी ले जाओ?’ छात्राओं ने बताया कि सुबह भी स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बहस हुई। पैसे नहीं देने पर शिक्षक टीसी कटवाने तक की धमकी देते हैं। शिक्षक कहते हैं, अन्ना ने संघर्ष करके क्या कर लिया। जयपुर जाओ, चाहे शिक्षा विभाग में शिकायत कर दो। 100-100 रुपए तो देने ही पड़ेंगे। छात्राओं ने शिक्षा अधिकारियों से गुहार लगाई कि स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति जल्द करवा दो, नहीं तो हमारे सपने अधूरे रह जाएंगे। पिछला साल भी हमारा यूं ही चला गया। इस बार कुछ करिए। इस दौरान छात्रा चांदनी शर्मा, किरण व्यास, अर्चना शर्मा, पूजा, नेहा, कविता, ज्योति, अंजनी, उर्मिला, सुनीता, मोनिका, परवीन व ज्योति सहित अन्य छात्राओं ने लिखित में शैक्षिक प्रकोष्ठ प्रभारी को अपना ज्ञापन सौंपा(दैनिक भास्कर,सीकर,27.8.11)।

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