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21 अगस्त 2011

डूटा चुनाव में छाया प्रोफेसरशिप व नियमित नियुक्ति का मुद्दा

दिल्ली विविद्यालय शिक्षक संघ चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशी इस बार मुख्य रूप से कॉलेजों में प्रोफेसरशिप को जल्द से जल्द लागू करवाने और शिक्षकों की रुकी हुई नियमित नियुक्तियों के मुद्दे को लेकर ताल ठोंकेगे। प्रत्याशियों का कहना है कि डीयू ने प्रोफेसरशिप देने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन कॉलेजों में अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है। इसी प्रकार, करीब 3 हजार शिक्षकों की नियमित नियुक्ति होनी है, लेकिन यह मामला भी अधर में लटका हुआ है। तदर्थ शिक्षकों से कॉलेजों में काम चलाया जा रहा है। उधर, डूटा चुनाव में नामांकन करने वाले सभी प्रत्याशियों की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई। चुनाव में अध्यक्ष के 1 पद के लिए 4 और कार्यकारिणी सदस्य के 15 पदों के लिए 19 प्रत्याशी मैदान में हैं। डूटा चुनाव 25 अगस्त को है। मतदान उत्तरी परिसर के कला संकाय में होगा। प्रमुख संगठन में एएडी, इंटेक, डीटीएफ और एनडीटीएफ शामिल हैं। डूटा चुनाव में वामपंथी शिक्षक संगठन डीटीएफ की ओर से कार्यकारिणी सदस्य पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाली डॉ. आभा देव हबीब का कहना है कि उनके अहम मुद्दों में प्रोफेसरशिप और नियमित नियुक्तियां तो हैं ही। इसके अलावा डीयू में सेमेस्टर की लड़ाई को आगे ले जाना, प्रशासन को शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के प्रति जबावदेह बनाना भी उनके चुनावी एजेंडे में शामिल है। ओबीसी आरक्षण के बाद कॉलेजों में ढांचागत विकास पूरा करवाना और बाजारीकरण की नीतियों के विरोध का मुद्द पर वह लेकर मैदान में उतरी हैं। शिक्षकों के प्रमोशन में प्वाइंट सिस्टम का विरोध भी उनके मुद्दों में शामिल है। भाजपाई शिक्षक संगठन एनडीटीएफ की ओर से डूटा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी डॉ. मनोज खन्ना ने कहा कि प्रोफेसरशिप तो घोषित कर दी गई है, लेकिन अभी तक कॉलेजों में इसे लागू नहीं किया जा सका है। इसके चलते कॉलेजों में अब तक एसोसिएट प्रोफेसर की प्रोफेसर के तौर पर पदोन्नति नहीं हो पाई है। इसके अलावा कॉलेजों में तदर्थ शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है, जबकि डीयू में 3 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। डॉ. खन्ना ने कहा कि अन्य मुद्दों में शिक्षकों की सेवा शतरे को लेकर परेशानियां दूर करना प्रमुख है। इसके अलावा डीयू शिक्षकों के प्रोविडेंट फंड पर जो ब्याज दर कम मिलता है, उसे भी बढ़वाना उनके एजेंडे का हिस्सा है। एएडी की ओर से कार्यकारिणी पद के प्रत्याशी डॉ राजीव कुमार वर्मा ने कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों को प्रोफेसरशिप और नियमित नियुक्तियां करवाना उनके एजेंडे में प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षकों को मेडिकल का पूरा भुगतान नहीं मिलता है। उसे शत प्रतिशत करवाना व कम्प्यूटर प्रोफेशनलों को शिक्षकों के बराबर दर्जा दिलवाना भी उनके प्रमुख मुद्दे हैं। कांग्रेसी शिक्षक संगठन इंटेक की ओर से कार्यकारिणी पद के प्रत्याशी जाकिर हुसैन कॉलेज के भूपेन्द्र ने कहा कि युवा शिक्षकों की नियमित नियुक्तियां और उनके हित में काम करना उनके एजेंडे मे है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,21.8.11)।

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