मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

09 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःअनुशासन-ईमानदारी के भी मिलेंगे अंक

पहली से आठवीं तक के छात्रों को अनुशासन व ईमानदारी पर भी अंक मिलेंगे। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इस बार पहली से आठवीं तक के छात्रों का वार्षिक परीक्षा परिणाम सतत समग्र मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर घोषित किया जाएगा। आरएसके ने वर्ष 2011-12 की वार्षिक परीक्षाओं में अंक विभाजन के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हो जाने के बाद मूल्यांकन में विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास करना है। पहली से आठवीं तक छात्रों को तीन स्तर शैक्षिक, सह शैक्षिक व व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के आधार पर अंक मिलेंगे। शैक्षिक स्तर पर किताबी ज्ञान पर आधारित रहेगा। इसमें पहली व दूसरी के छात्रों की वार्षिक परीक्षा में लिखित व मौखिक के आधे-आधे अंक रहेंगे। वहीं 3 से 5 वीं तक के छात्रों के लिखित के 70 व मौखिक के 30 अंक रहेंगे। वहीं 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए लिखित के 90 व मौखिक के दस अंक रहेंगे। 6 से 8 वीं तक के छात्रों के लिए प्रति विषय 20-20 अंक का प्रोजेक्ट वर्क भी दिया जाएगा। सह शैक्षिक में पांच बिंदु साहित्य, सांस्कृतिक, वैज्ञानिकता, सृजनात्मकता व खेलकूद को शामिल किया है। व्यक्तिगत सामाजिक गुणों में ईमानदारी, सत्यवादिता, स्वच्छता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, सहयोग की भावना, अनुशासन, समयबद्धता, नियमितता, अभिवृत्ति, नेतृत्व की क्षमता आदि दस गतिविधियां शामिल की गई हैं। सह शैक्षिक व व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की हर गतिविधि पर 18 अंक निर्धारित हैं। वार्षिक परीक्षा में वर्ष भर के शैक्षिक, सह शैक्षिक व व्यक्तिगत सामाजिक गुणों में छात्रों को अंकों को जोड़कर परिणाम की घोषणा की जाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने यह बनाए नियम : प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के छात्रों का सतत एवं व्यापक मूल्यांकन के लिए नियम बनाए है। सतत मूल्यांकन प्रणाली के तहत इस बार छात्रों के आठ मासिक टेस्ट के बजाय सात टेस्ट होंगे। साथ ही पहलीं से आठवी तक के किसी छात्रों को फेल नहीं किया जाएगा। मूल्यांकन व्यवस्था के लिए जिला मूल्यांकन समिति गठित करने के निर्देश दिए है। सतत मूल्यांकन प्रणाली के तहत छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों को साल में एक बार प्रोजेक्ट वर्क भी करना पड़ेगा। यह प्रोजेक्ट प्रत्येक विषय में 20-20 नंबर का होगा। इसके लिए स्कूलों को राशि भी दी जाएगी। इस राशि से स्कूल द्वारा प्रोजेक्ट की सामग्री छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी(दैनिक जागरण,भोपाल,9.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।