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04 अगस्त 2011

उत्तराखंड में प्री-स्कूल शिक्षा होगी मुफ्त!

इससे पहले कि केंद्र सरकार स्कूल पूर्व शिक्षा को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के दायरे में लाए, प्रदेश में इस योजना के बाबत विचार शुरू हो गया है। योजना है कि किंडरगार्डन (बालवाड़ी) यानी चार साल और छह साल तक की शिक्षा को भी आरटीई के दायरे में लाया जाए। संभव है कि आरटीई का दायरा कक्षा दस तक बढ़ा दिया जाए। इसके लिए आरटीई में संशोधन व नियमावली में जरूरी परिवर्तन की कवायद जारी है। पिछले दिनों यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने केंद्र सरकार को नर्सरी व किंडरगार्डन शिक्षा को भी आरटीई के दायरे में लाने की सलाह दी थी। इसके बाद केंद्रीय योजना आयोग के स्कूल शिक्षा के लिए एक उपसमूह गठित कर उसे अगली पंचवर्षीय योजना में स्कूल पूर्व शिाक्षा को आरटीई के दायरे में लाने की संभावना तलाशने को कहा है। इसी तरह मानव संसाधन मंत्रालय ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद के उपसमूह को ने 10 वीं तक की शिक्षा को आरटीई के दायरे में लाने के बारे में विचार को कहा है। अगर दायरा बढ़ा तो महिला एवं बाल विकास विभाग की आईसीडीएस योजना से स्कूल पूर्व शिक्षा को हटाना होगा क्योंकि क्योंकि चार से छह साल के बच्चों की शिक्षा का काम आईसीडीएस के जरिए ही होता है। शासन के अधिकारी हालांकि इस बाबत चुप्पी साधे बैठे हैं लेकिन सूत्रों की मानें तो इससे पहले कि केंद्र सरकार आरटीई का दायरा बढ़ा दे प्रदेश में यह पहले ही हो सकता है हालांकि इसमें धन की उपलब्धता आड़े आ सकती है क्योंकि आरटीई की धारा 12 सी के तहत प्रदेश में गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में भी कमजोर वगरे के बच्चों को सबसे छोटी कक्षा में 25 फीसदी सीटों पर आरक्षण दिया जाना है। इस तरह अपने पड़ोस के निजी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के इन बच्चों की स्कूल फीस यूनिफार्म और स्कूल आने जाने का खर्च सरकार को ही उठाना है। इसी के साथ ज्यादा दूरी वाले स्कूलों में बच्चों के आने जाने के लिए उनके साथ एक देखभाल करने वाले को भी धन दिया जाना है। इस साल तो हालांकि यह खर्च कम होगा क्योंकि एक अप्रैल से प्रदेश में लागू मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत स्कूल की सबसे छोटी कक्षा में ही प्रवेश दिया जा रहा है। लेकिन आने वाले वर्षो में यह बढ़ जाएगा क्योंकि तब अभी प्रवेश पाए बच्चे बड़ी कक्षा में जा चुके होंगे और नए प्रवेश हो जाएंगे। इसमें अगर आरटीई का दायरा प्रि स्कूल से 10वीं तक बढ़ जाता है तो ज्यादा धन की जरूरत होगी। वैसे अभी केंद्र इसके लिए धन मुहैया करा रहा है लेकिन प्रदेश में उससे पहले ही दायरा बढ़ाया गया तो प्रदेश सरकार के लिए प्री-स्कूल से 10 वीं तक प्रवेश पाने वाले ढेरों बच्चों को का खर्च उठाना आसान न होगा(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,4.8.11)।

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