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21 अगस्त 2011

हिमाचलःसंस्कृत शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने और संस्कृत को राजभाषा बनाने की मांग

हिप्र राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर वेतन विसंगति को दूर करने तथा शास्त्री अध्यापकों को संस्कृत स्नातक का पद नाम देने की मांग की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम स्वरूप शास्त्री और महासचिव सुंदर शर्मा ने परिषद की ओर से शिक्षा मंत्री के समक्ष ज्वालामुखी में सितंबर में प्रस्तावित संस्कृत अधिवेशन की अध्यक्षता करने का प्रस्ताव भी रखा। प्रधान सचिव शिक्षा श्रीकांत बाल्दी से मिलकर उनके समक्ष संस्कृत शिक्षकों की समस्याएं रखकर जल्द समाधान का आग्रह किया। राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर हिमाचल में भी संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा प्रदान करने की मांग की(अमर उजाला,शिमला,20.8.11)।

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