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02 अगस्त 2011

बिहारःकुलपतियों की नियुक्ति पर नीतीश-राज्यपाल में ठनी

बिहार के राज्यपाल व कुलाधिपति देबानंद कुंवर ने सोमवार को प्रदेश के छह विश्र्वविद्यालयों में कुलपति और चार विश्र्वविद्यालयों में प्रतिकुलपति की नियुक्ति की। बिना सलाह के की गई इन नियुक्तियों को राज्य सरकार ने अवैध ठहराया है। इन नियुक्तियों के बाद राजभवन (कुलाधिपति कार्यालय) और राज्य सरकार (मानव संसाधन विकास विभाग) का विवाद अब नए अंदाज में सामने है। मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही के अनुसार नियुक्तियां पूरी तरह अवैध हैं। आसार हैं कि प्रदेश सरकार इन कुलपतियों का अधिकार सीज कर देगी। पहले भी ऐसा हो चुका है। पटना विश्वविद्यालय, केएसवी संस्कृत विश्वविद्यालय (दरभंगा), बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय (पटना). डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय (छपरा) और एलएन मिथिला विश्वविद्यालय में ये नियुक्तियां की गई हैं। जिन विश्र्वविद्यालयों में नियुक्ति की गई है, उनमें पिछले कई माह से प्रभारी कुलपति काम कर रहे थे। ऐसी नौबत कुलाधिपति कार्यालय व प्रदेश सरकार के बीच विवाद के चलते थी। मामले में पटना हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया और दोनों (कुलाधिपति कार्यालय, सरकार) को नोटिस जारी किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की। तब माना गया था कि विवाद समाप्त हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मानव संसाधन विकास विभाग इन नियुक्तियों को नहीं कबूल रहा है। विभाग के मंत्री शाही ने कहा कि पूर्व में मगध और वीर कुंवर सिंह विश्र्वविद्यालयों में सरकार से परामर्श के बिना राजभवन ने कुलपति नियुक्त किये थे। हाईकोर्ट ने उन नियुक्तियों को अवैध करार दे दिया था(दैनिक जागरण,पटना,2.8.11)।

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