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06 अगस्त 2011

दिल्लीःशीला सरकार ने निजी स्कूलों के लिए भूमि आवंटन की नीति बदली

दिल्ली में निजी स्कूलों को भूमि आवंटन के नियम बदल दिए गए हैं। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मिली है कि दिल्ली सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर वर्ष 2006 में स्कूलों के लिए भूमि आवंटन की जो नई नीति लागू की है उसमें निजी स्कूलों को 40 फीसदी भूमि आवंटन दिल्ली सरकार अपने विवेकाधीन कोटे से करेगी और केवल 10 प्रतिशत भूमि आवंटन नीलामी के माध्यम से होगा। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों को शेष 50 फीसदी भूमि आवंटित की जाएगी। यहां ये भी काबिले गौर है कि दिल्ली सरकार अपने विवेकाधीन कोटे का इस्तेमाल कर निजी संस्थानों को रियायती मूल्य पर भूमि आवंटित कर सकती है। यह भी एक कड़वा सच है कि विवेवाधीन आधार पर किया गया भूमि आवंटन सामान्यत: अनैतिक ही होता है और इसे निश्चित रूप से बंद होना चाहिए। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 मार्च 2011 के आदेश में इस तरह से भूमि आवंटन पर रोक लगा रखी है। आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने 7 जून 2011 को शिक्षा निदेशक दिल्ली सरकार से नीलामी से अलग दिल्ली सरकार द्वारा नीलामी से इतर नए स्कूलों के लिए डीडीए प्लाटों की सिफारिश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा की जानकारी मांगी थी। साथ ही डीडीए प्लाटों को नए स्कूलों के लिए भूमि आवंटन पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के दिए गए सुझावों के बारे में भी पूछा था। आरटीआइ कार्यकर्ता ने यह भी जानना चाहा कि पिछले तीन वर्षो में डीडीए ने गैर सरकारी एजेंसी/विभाग या अन्य किस-किस को दिल्ली में नए स्कूलों के लिए प्लाट आवंटित किए गए। जवाब में सुभाष चंद्र अग्रवाल को जानकारी दी गई कि पूर्व में निजी स्कूलों के लिए भूमि आवंटन 100 प्रतिशत नीलामी के आधार पर होता था लेकिन वर्ष 2006 में लागू नई नीति में यह तय किया गया कि 50 फीसदी जमीन नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों को दी जाएगी तथा शेष का 80 प्रतिशत भूमि आवंटन निजी शिक्षण समितियों/ट्रस्ट/कंपनियों को निजी स्कूलों/उच्चतर एवं तकनीकी संस्थानों के लिए, भूमि आवंटन समिति की सिफारिश (विवेकाधीन कोटे) पर किया जाएगा। शेष प्लाटों को नई समितियों/ट्रस्टों/कंपनियों को स्कूलों के लिए डीडीए के मानक और नीति के आधार पर नीलामी के द्वारा आवंटित किया जा सकेगा। डीडीए द्वारा दिल्ली में नए स्कूलों के लिए प्लाट आवंटित किए जाने के सवाल पर यह उत्तर मिला की नीलामी प्रक्रिया में कोई भाग लेने नहीं आया(दैनिक जागरण,दिल्ली,6.8.11)।

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