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06 अगस्त 2011

महाराष्ट्रःराइट टु एजुकेशन पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें राइट टु एजुकेशन एक्ट की वैधता को चुनौती दी गई है। करीब 100 गैरसरकारी सहायता प्राप्त स्कूल और अल्पसंख्यक स्कूलों ने राइट टु एजुकेशन एक्ट को चुनौती दी थी। स्कूलों के असोसिएशन की ओर से दलील दी गई थी कि सरकार इस एक्ट के तहत प्राइवेट स्कूलों और अल्पसंख्यक एजुकेशन इंस्टिट्यूटों को रेग्युलेट करना चाहती थी। इस एक्ट के तहत यह प्रावधान किया गया है कि 6 से 14 साल के बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य किया गया है और प्राइवेट स्कूलों के लिए यह बाध्यकारी है कि वह गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी सीट रिजर्व रखें। स्कूलों की ओर से दलील दी गई कि हमें इसके लिए सरकार से कोई सहायता नहीं मिलती ऐसे में इस तरह की बाध्यता उनके लिए उचित नहीं है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई कि कानून का मकसद आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट को आगे लाना है(नवभारत टाइम्स,मुंबई,6.8.11)।

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