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09 अगस्त 2011

बिजनेस स्कूल के सिलेबस में फील्ड वर्क भी

कॉरपोरेट जगत की जरूरतों में आ रहे बदलावों को देखते हुए अब बिजनेस स्कूल्स के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा रहा है। अभी तक सिलेबस केवल थ्योरी पर ही आधारित था, अब उसमें फील्ड स्टडी को भी शामिल किया गया है। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार ज्यादातर कंपनियां कारोबारी कामकाज का अनुभव रखने वाले ग्रेजुएट्स को नौकरी देना पसंद कर रही हैं। अब सिलेबस में तीन बातों का ध्यान रखा गया है- नॉलेज, स्किल्स और एप्टीट्यूट। कुछ कॉलेज नए सत्र से इसे लागू करने जा रहे हैं, वहीं कुछ इस पर विचार कर रहे हैं।

वर्कशॉप व सेमिनार होंगे आयोजित
शहर के मैनेजमेंट कॉलेजों में हर साल सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित होती हैं, लेकिन अब इस पर और ध्यान दिया जाएगा। यह आयोजन विद्यार्थियों की दक्षता पर आधारित होगा। जिसमें डाटा एनालिसिस, प्रेजेंटेशन, राइटिंग, पूर्वानुमान से संबंधित चीजें शामिल होंगी। कंपनी में किसी भी पोस्ट पर एप्लाई करने के लिए इंडस्ट्री से लगाव होना जरूरी है। इसलिए अब कॉलेज के पाठ्यक्रम में कंपनियों से जुड़ाव रखा जाएगा। विद्यार्थियों का कंपनियों की मौजूद विधा के साथ तालमेल बहुत जरूरी है, जो उनकी एकेडमिक स्टडीज से कहीं ज्यादा रोचक साबित होगा। इसके साथ ही यह जानकारी उन्हें जॉब दिलाने में भी मदद करेगी(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,9.8.11)।

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