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03 अगस्त 2011

राजस्थानःएनसीईआरटी की किताबों में गलतियों की भरमार

एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की किताबों में गलतियों की भरमार है। एक ही पृष्ठ पर विरोधाभासी जानकारी दी गई है। इससे विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि किसको सही मानें।

लेखकों को कोस रहे विद्यार्थी

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर आधारित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की किताबों में कई गलतियां हैं। राजस्थान अध्ययन व सामान्य विज्ञान समकालीन भारत दो में गलतियों की भरमार है। इससे विद्यार्थी लेखकों को कोस रहे हैं और उनके सामने समस्या हो गई है कि किसे सही मानें।

और भी हैं गलतियां


10वीं की सामान्य ज्ञान की पुस्तक में पेज संख्या 13 व 14 पर संसाधनों में ज्चारीय ऊर्जा का जिक्र नहीं है। लेकिन इस संबंध में प्रश्न दिया हुआ है। इसी पाठ में किस प्रांत में सीढ़ीदार सोपानी खेती की जाती है? इसके बारे में पश्चिम व मध्य हिमालय बताया गया है, जबकि इस प्रश्न की उत्तर माला में पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड प्रदेश दिए हुए हैं। पाठ में इन प्रदेशों का जिक्र तक नहीं हैं। इसी पेज पर पाठ में महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, छत्तीसगढ़ के पठार में काली मिट्टी पाई जाना बताया है। जब कि इस प्रश्न के उत्तर माला में जम्मू कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, झारखंड प्रदेश बताए गए है। इसी तरह 12 वीं की पुस्तक में 89 पेज पर राजस्थान में 12 मरुस्थलीय जिले बताए गए हैं, जबकि इसी के नीचे 11 जिलों के ही नाम बताए गए हैं। 

इतिहास में भी गड़बड़

12वीं कला की इतिहास की पुस्तक में पेज 50 पर आधी से अधिक तिथियां गलत हैं। शक शासन, गुप्त शासन, समुंद्र गुप्त शासन, चालुक्यों का उदय ई. पू. दर्शाया गया है। जब कि हकीकत में यह ईसवी हैं। इन गलतियों से सिकंदर का आक्रमण और गुप्त शासन का प्रारंभ एक साथ हो गया जबकि इसमें सात सौ वर्षो का अंतर है। इसी पुस्तक के पेज 44 पर सोने के सिक्के सबसे पहले प्रथम शताब्दी ईसवी में कुषाण राजाओं की ओर से जारी किए जाने का उल्लेख है। जब कि इसी पेज पर ऊपर के पेराग्राफ में शासकों की प्रतिमा और नाम के सबसे पहले सिक्के हिंद यूनानी शासकों द्वारा जारी किए जाने का उल्लेख है। ऐसे में हर कोई असमंजस में पड़ जाता है। जबकि इतिहासकारों की मानें तो सबसे पहले हिंद यूनानी शासकों ने ही सिक्के जारी किए थे। 

कक्षा 10वीं बोर्ड पुस्तक।

विषय :त्नराजस्थान अध्ययन। 

पाठ का नाम : विरासत का संरक्षण, पेज संख्या : 34

गलत दी गई जानकारी : इस पाठ में राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में कल्याण जी के मंदिर को डिग्गी टोंक जिले में बताया गया है। उसके नीचे ही इस मंदिर को जयपुर जिले में बताया गया है। विद्यार्थी जयपुर माने या टोंक इस उलझन में पड़ गए हैं। 

कक्षा 10वीं की बोर्ड पुस्तक।

विषय : राजस्थान अध्ययन।

पाठ का नाम : पशुधन व डेयरी विकास, पेज संख्या : 51=55

गलत दी गई जानकारी : राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पशुधन का योगदान 9 प्रतिशत पाठ में बताया गया है। जबकि इस प्रश्न की उत्तर माला में 9 है ही नहीं। उत्तर माला में 10, 13, 20 व 15 प्रतिशत है। ऐसे में विद्यार्थी किसे सही उत्तर मानें। 

कक्षा 12वीं की बोर्ड पुस्तक।

विषय : राजस्थान अध्ययन। पाठ का नाम : राजस्थान की पर्यावरणीय चुनौतियां, पेज संख्या 89; गलत दी गई जानकारी : पाठ में 33 जिलों में से 12 को मरुस्थलीय जिले बताए गए हैं। जबकि इसी के नीचे 11 जिलों के ही नाम बताए गए है। ऐसे में विद्यार्थी राज्य में कितने मरुस्थलीय जिले मानें(जोगाराम जाखड़,दैनिक भास्कर,भोपालगढ़,3.8.11)।

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