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27 अगस्त 2011

अगले शैक्षिक सत्र से विज्ञान-गणित का कोर पाठ्यक्रम

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतर माध्यमिक स्तर के छात्रों के लिए विज्ञान और गणित विषयों का कोर पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। इसे एनसीईआरटी से मंजूरी मिल गई है व इसे अगले शैक्षिक सत्र से लागू भी कर दिया जाएगा। कामर्स विषय के लिए भी कोर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसे भी जल्दी लागू किया जाएगा। सिब्बल ने राज्यसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि सभी छात्रों को अध्ययन के समान अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से यह कोर पाठ्यक्रम तैयार करने का फैसला किया गया। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड ने देश भर में सभी शिक्षा बोर्डों में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर विज्ञान और गणित विषयों में एक कोर पाठ्यक्र म होने की जरूरत का समर्थन किया ताकि व्यावसायिक पाठ्यक्र मों में शामिल होने के लिए सभी विद्यार्थियों को एक समान अनुकूल माहौल मुहैया कराया जा सके। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परिषद की 16 फरवरी, 2010 को आयोजित बैठक में बोर्डों ने विज्ञान व गणित के कोर पाठ्यक्रम अपनाने का सर्वसम्मत फैसला किया। बाद में एनसीईआरटी ने सीबीएसई के साथ मिलकर कोर पाठ्यक्रम तैयार किया है। इससे पहले सपा के प्रो. रामगोपाल यादव ने पूरक प्रश्न के रूप में कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र 80 फीसदी अंक लेकर आते हैं जबकि सीबीएसई से छात्र 90 से 99 प्रतिशत अंक लेकर आते हैं। इस स्थिति में उत्तर प्रदेश के छात्रों को दिल्ली में दाखिला नहीं मिल पाता है लिहाजा एक समान व्यवस्था होनी चाहिए। इसका समर्थन करते हुए बसपा के सदस्यों ने कहा कि सरकार को उत्तर प्रदेश के छात्रों को दिल्ली में प्रवेश के लिए पांच प्रतिशत अंक की छूट देनी चाहिए। सिब्बल ने सुशीला तिरिया के प्रश्न के उत्तर में बताया कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर एक समान शिक्षा पण्राली तथा पाठ्यक्र म को लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सिब्बल ने कहा कि अगस्त 2009 में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड ने राष्ट्रीय पाठ्यक्र म कार्य ढांचा 2005 के आधार पर सभी राज्यों द्वारा अपने पाठ्यक्र मों एवं पाठ्य पुस्तकों को संशोधित करने की जरूरत बताई है। उन्होंने गंगाचरण के प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार का इरादा स्मार्ट कक्षा की शुरुआत करने का है। उन्होंने कुसुम राय के प्रश्न के उत्तर में बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के संपूर्ण कार्यान्वयन के लिए समुचित ढांचागत सुविधाओं, कुशल शिक्षकों की पर्याप्त संख्या, शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि व नेबरहुड स्कूल आदि की जरूरत है जिस पर ध्यान दिया जा रहा है। 

उधर, केंद्र ने कहा कि कैलिफोर्निया स्थित ट्राईवैली विविद्यालय में वीजा संबंधी जालसाजी से प्रभावित किसी भी भारतीय छात्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई लंबित नहीं है। श्री सिब्बल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि सरकार के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, किसी भी भारतीय छात्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई लंबित नहीं है। पिछले एक साल में दो अमेरिकी विविद्यालयों ट्राई वैली विविद्यालय और नॉर्दन वर्जीनिया विविद्यालय में भारतीय छात्रों के साथ वीजा संबंधी जालसाजी के मामलों की खबर है। इस मामले में 1,800 से अधिक छात्र प्रभावित हुए थे। इस मामले में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कूटनीतिक और राजनीतिक चैनलों के माध्यम से हस्तक्षेप किया था(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,27.8.11)।

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