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25 अगस्त 2011

जबलपुरःएमएलबी स्कूल में नेत्रहीन छात्राओं को दाखिला नहीं!

छात्राओं को स्कूल में दाखिला पाने सिर्फ इस वजह से भटकना पड़ रहा है, क्योंकि अन्य छात्राओं के समान वे देख पाने में सक्षम नहीं हंै। भले ही एमएलबी स्कूल प्रबंधन दाखिला न देने के नये-नये रास्ते ढूंढ़ रहा हो, लेकिन असल बात यही सामने आ रही है कि स्कूल में प्रवेश न देना पहले से ही तय रखा गया है।


यह अलग बात है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सर्वशिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में बच्चों का प्रवेश कराने के लिये करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, सरकार के यह भी निर्देश हैं कि किसी भी बच्चे को स्कूल में प्रवेश देने पर किसी भी प्रकार से रोक न लगाई जाए, इसके बावजूद भंवरताल स्थित नेत्रहीन कन्या विद्यालय की छात्रा अंजना सूर्यवंशी और राजकुमारी के लिये महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल ने दरवाजे बंद कर रखे हैं। नेत्रहीन विद्यालय से जुड़े सज्जाद हुसैन, कुसुम मेहता, रेखा जैन तथा पूनम चंद्र आदि का कहना है कि एमएलबी प्रबंधन के अड़ियल रवैये के कारण छात्राओं का प्रवेश मुश्किल में नजर आ रहा है।

स्कूल प्रबंधन के तर्क
एमएलबी स्कूल प्राचार्य पी. श्रीवास्तव ने इसके पीछे तीन तर्क गिनाये हैं। उनका कहना है कि दोनों छात्राओं की आयुसीमा अधिक है। साथ ही दाखिला हासिल करने के लिये निर्धारित समय सीमा भी निकल चुकी है। तीसरी बात यह कि दोनों ने अनियमित परीक्षार्थी के तौर पर दसवीं का इम्तहान उत्तीर्ण किया है। तर्क कितने निराधार हैं, इसका खुलासा इस बात से होता है कि दाखिले के लिये विधायक ने 23 अगस्त और डीईओ ने 29 अगस्त को पत्र जारी किये। जाहिर है कि छात्राओं का संघर्ष उससे पहले से ही जारी रहा होगा, जबकि स्कूल प्रबंधन का कहना है कि दाखिला पाने के लिये काफी देर हो गई, इस वजह से भी उन्हें एडमीशन नहीं दिया जा सकता।

विधायक, डीईओ भी हारे
छात्राओं को दाखिला देने के लिये विधायक शरद जैन और जिला शिक्षा अधिकारी डीआर ज्ञानानी ने स्कूल प्राचार्य को पत्र भी लिखा, लेकिन एमएलबी स्कूल प्रबंधन ने उस पर गौर करना भी मुनासिब न समझा। नेत्रहीन विद्यालय के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके स्कूल की दोनों छात्राएं एमएलबी में एडमीशन चाहती हैं, इसके लिये लगातार प्रयास किये गये, लेकिन स्कूल प्रबंधन दाखिला देने के लिये कतई तैयार नहीं है(दैनिक भास्कर,जबलपुर,25.8.11)।

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