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25 अगस्त 2011

रेलवे बोर्ड बिलासपुर की परीक्षा में सामान्य ही माने जाएंगे पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार

रेलवे बोर्ड ने पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ी राहत दी है। अब उनका आवेदन जाति प्रमाण पत्र के गलत फार्मेट के कारण रद्द नहीं होगा।

बोर्ड ने ऐसे उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ न देकर सामान्य उम्मीदवार मानते हुए परीक्षा में शामिल करने का फैसला लिया है। पिछली बार फार्मेट के चलते छत्तीसगढ़ के 12 सौ उम्मीदवार सीनियर क्लर्क, ट्रैफिक एवं कमर्शियल अपरेंटिस की परीक्षा से बाहर हो गए थे।

रेलवे बोर्ड ने पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए भर्ती प्रक्रिया के नियमों में संशोधन किया है। दरअसल, इस वर्ग के उन्हीं उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ मिलता है, जो क्रीमीलेयर के बाहर होते हैं। रेलवे बोर्ड क्रीमीलेयर और नान क्रीमीलेयर की पहचान केंद्र के फार्मेट में जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर करता है।

यही कारण है कि रेलवे की तमाम भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र केंद्र के फार्मेट में मांगा जाता है। पिछली परीक्षाओं में देखा गया है कि इस वर्ग के उम्मीदवार केंद्र के बजाय राज्य शासन के फार्मेट में जारी जाति प्रमाण पत्र जमा करते हैं। पिछली भर्ती तक ऐसे आवेदनों को रद्द कर दिया जाता था।

अब रेलवे बोर्ड ने इस नियम में बदलाव कर दिया है। अब आरक्षण का लाभ लेने वालों को तय फार्मेट में आवेदन जमा करने के अलावा नान क्रीमीलेयर के लिए स्वयं का घोषणा पत्र जमा करना होगा। 

आवेदन में यदि तय फार्मेट व घोषणा पत्र नहीं हुआ तो आवेदक परीक्षा से बाहर नहीं होगा, बल्कि उसे आरक्षण के लिए अपात्र घोषित कर सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार मान लिया जाएगा। यह जरूर है कि ऐसे उम्मीदवार उम्र में मिलने वाली छूट से वंचित रह जाएंगे। उन्हें इस नियम का लाभ तभी मिलेगा, जब वे सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए निर्धारित उम्र सीमा के भीतर होंगे। 

एसईसीआर के डीजीएम मनीष अवस्थी ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने भर्ती नियमों में संशोधन किया है, जिसे एएलपी के नोटिफिकेशन में लागू कर दिया गया है। पिछड़ा वर्ग के उन्हीं उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा, जिनकी आयु जनरल केटेगरी के उम्मीदवार के निर्धारित आयु सीमा के भीतर है। 

वंचित रह गए थे 12 सौ उम्मीदवार 

रेलवे भर्ती बोर्ड बिलासपुर ने सीनियर क्लर्क, ट्रैफिक एवं कमर्शियल अपरेंटिस के 82 पदों के लिए 5 सितंबर 2010 को लिखित परीक्षा ली थी। जाति प्रमाण पत्र तय फार्मेट में नहीं होने के कारण प्रदेश के 12 सौ उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया था। 

छात्र युवा जोन संघर्ष समिति व भारतीय जनता युवा मोर्चा ने इसका कड़ा विरोध किया था। उम्मीदवार और संगठनों की यही मांग थी कि जाति प्रमाण पत्र सही नहीं है तो उन्हें सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार मानकर परीक्षा में शामिल किया जाए। 

आरआरबी बिलासपुर ने संगठनों की मांग और विरोध प्रदर्शन की जानकारी रेलवे बोर्ड को भेजी थी। इस फैसले को उसी विरोध प्रदर्शन के सकारात्मक नतीजे के रूप में देखा जा रहा है।

लोको पायलट की भर्ती में मिलेगा लाभ: 

रेलवे बोर्ड के नए नियम का लाभ नई भर्ती में मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने हाल ही में असिस्टेंट लोको पायलट के 16 हजार 595 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए हैं। इस पद के उम्मीदवारों को नए नियम का लाभ मिलेगा(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,25.8.11)।

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