मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

09 अगस्त 2011

राजस्थानःअब नहीं रहेंगे एकल शिक्षक स्कूल

लम्बे समय के बाद प्रदेश भर में एकल शिक्षक स्कूल या शून्य शिक्षक वाले स्कूलों की सरकार ने सुध ली है। अब ऎसे स्कूलों की ब्लॉकवाइज सूची तैयार कराई गई हैं। जो वर्षो से एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं या कहीं एक भी बच्चे का नामांकन नहीं होने के बावजूद उन स्कूलों में शिक्षक लगे हुए हैं।
अब जयपुर में सरकार और उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में एकल शिक्षक स्कूलों पर चर्चा कर इनमें शिक्षक की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। बिना नामांकन वाले स्कूलों के शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। ताकि जरूरतमंद स्कूलों में साल भर बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके।
अभी तक अलवर के अलावा प्रदेश भर के अधिकतर जिलों में एकल शिक्षक स्कूलों की भरमार है। अकेले अलवर जिले में गत वर्ष की डाइस की रिपोर्ट के अनुसार करीब 364 एकल शिक्षक स्कूल हैं। जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यही नहीं करीब पांच स्कूल ऎसे भी हैं जिनमें एक भी बच्चे का नामांकन नहीं है और शिक्षक लगे हुए हैं।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने तीन अगस्त के अंक में '...फिर रो-धोकर निकलेगा सत्र' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर जिले के स्कूलों की स्थिति से सरकार और शिक्षा अधिकारियों को अवगत कराया था। इसके बाद विभाग ने ब्लॉकवाइज एकल शिक्षक स्कूलों की सूची तैयार कराई है। जो अब जल्दी ही जयपुर में उच्चाधिकारियों के सामने प्रस्तुत की जाएगी।


364 तो एकल शिक्षक स्कूल
ब्लॉक-एकल शिक्षक स्कूल
बानसूर 50
बहरोड़ 3
कठूमर 32
किशनगढ़ 18
कोटकासिम 5
लक्ष्मणगढ़ 44
मुण्डावर 3
नीमराणा 1
रैणी 25
राजगढ़ 28
रामगढ़ 25
थानागाजी 48
तिजारा 58
उमरैण 24
कुल 364

प्रस्ताव बनवा लिए
जिले में एकल शिक्षक और शून्य शिक्षक वाले सभी स्कूलों के प्रस्ताव ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों से तैयार करा लिए हैं। जिनकी स्थिति जयपुर में उच्चाधिकारियों के सामने रखी जाएगी। ताकि सभी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक लगाए जा सकें। संभावना है कि यह व्यवस्था जल्दी हो जाएगी।
-सुशील कुमार आसोपा, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक अलवर
(राजस्थान पत्रिका,अलवर,9.8.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।