विभर में लोकप्रियता के झंडे गाड़ रही सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक बच्चों की सीखने की प्रक्रि या को नुकसान पहुंचा रही है और उन्हें ज्यादा अवसादग्रसित कर रही है। अमेरिका में हुए एक ताजा शोध से पता चला है कि मिडिल स्कूल, हाई स्कूल और कालेज के ऐसे बच्चे जो अपनी 15 मिनट की पढ़ाई के दौरान कम से कम एक बार फेसबुक देखते हैं, परीक्षा में उनके नंबर कम आते हैं। अन्य अध्ययनों के मुताबिक जो किशोर फेसबुक पर सक्रि य रहते हैं वह ज्यादा अंतमरुखी हो जाते हैं। शोध के अनुसार फेसबुक के आदी वयस्कों में अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याएं पाई जाती हैं। इसी तरह मीडिया और तकनीक दोनों का इस्तेमाल करने वाले किशोरों में चिड़चिड़ापन और अवसाद बढ़ जाता है। अमेरिकी मनोवैज्ञानिक संघ के 119 वें वाषिर्क सम्मेलन में प्रोफेसर लैरी रोसन ने अपने शोध में इस बात की जानकारी दी। इस बुरी खबर के बीच शोध में एक अच्छी खबर भी है । फेसबुक और अन्य तकनीकों पर बच्चों के बचपन को खत्म करने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन शोध के मुताबिक ये वेबसाइटें बच्चों को अपनी पहचान बनाने में मदद करती हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,10.8.11)।
अच्छी पोस्ट ।
जवाब देंहटाएंIs research kaa kya aadhar hai ..........
जवाब देंहटाएंjaankaari ke liye dhanyavaad .... magar aapko bhi kuch shodh karna chahiye.... varna jaankaari adhoori hai .... kuch aur bhi hai jo jaroori hai .
आभार।
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