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06 अगस्त 2011

यूपीःस्थायी शिक्षक बनने की चाह रह जायेगी अधूरी!

प्राथमिक स्कूलों में स्थायी शिक्षक बनने का सपना देखने वाले शिक्षामित्रों को इस खबर से मायूसी हो सकती है। पूरे प्रदेश में शिक्षामित्रों की दो साल की विशेष ट्रेनिंग होने जा रही है। शिक्षामित्र यह मानकर चल रहे हैं कि ट्रेनिंग के बाद वे स्थायी हो जाएंगे, जबकि बेसिक शिक्षा की नियमावली उनकी स्थायी नियुक्ति में अवरोध खड़ा कर सकती है। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद से करीब 1405 स्कूल संचालित हो रहे हैं। इसमें अभी तक प्राथमिक स्कूल में करीब 3700 और जूनियर में 2200 शिक्षक नियुक्त हैं। आरटीई (शिक्षा के अधिकार अधिनियम)लागू होने के बाद से करीब दो सौ प्राथमिक और दो सौ जूनियर के शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। प्रदेश सरकार ने आरटीइ की अधिसूचना जारी कर दी है। आरटीइ में ट्रेंड शिक्षक ही मान्य हैं। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग को मजबूरी में शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग देनी पड़ रही है। बेसिक शिक्षा के नियमावली के आधार पर सूत्रों की मानें तो बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता ग्रेजुएट के साथ बीटीसी है। बीएडधारक विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग के बाद ही नियुक्त होते हैं जबकि शिक्षामित्र की योग्यता इंटर है। कुछ शिक्षामित्र स्नातक के साथ बीएड डिग्रीधारक होंगे। फिर भी इस आधार पर उनकी स्थायी नियुक्ति नही हो सकती है। आठ से रिसोर्स पर्सन की ट्रेनिंग बेसिक शिक्षा अधिकारी गजेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में करीब 800 शिक्षामित्र ट्रेनिंग के लिए चयनित हुए हैं। इनकों ट्रेनिंग देने से पहले रिसोर्स पर्सन की ट्रेनिंग आठ अगस्त से 11 अगस्त तक दी जाएगी। बीआरसी पर ये रिसोर्स पर्सन शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग देंगे। शिक्षामित्र ट्रेनिंग के साथ अपने पूर्व के स्कूल में अध्यापन का काम भी करते रहेंगे(दैनिक जागरण,मेरठ,6.8.11)।

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