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01 अगस्त 2011

यूपीपीसीएसःइतिहास का क्रेज बरकरार, समाजशास्त्र दूसरी पसंद

राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा वर्ष 2010 की मुख्य परीक्षा सोमवार से प्रदेश के तीन जनपदों में प्रारंभ हो रही है। लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश ने इसके इलाहाबाद के साथ ही लखनऊ व गाजियाबाद में केंद्र बनाए हैं। 20 तक चलने वाली मुख्य परीक्षा में 8,837 परीक्षार्थी भाग लेंगे। इस बार भी ऐच्छिक विषय भारतीय इतिहास में सबसे अधिक अभ्यर्थी बैठ रहे हैं। इतिहास का क्रेज बीते वर्षो की भांति बरकरार है, लेकिन समाजशास्त्र/ समाजकार्य/ नृविज्ञान (अभ्यर्थी इन तीन में एक ही विषय चुन सकता है) इस बार दूसरे पायदान पर आ गया है। इनका क्रेज बढ़ा है। इस विषय ने पिछले कई दशक से दूसरे पायदान पर रह रहे दर्शनशास्त्र को करीब-करीब चौथे पायदान पर खिसका दिया है। इस बार की पीसीएस मुख्य परीक्षा में ज्यादातर अभ्यर्थियों की दूसरी पसंद समाजशास्त्र/ समाजकार्य/ नृविज्ञान (एन्थ्रोपोलॉजी) है। विषयों की वरीयता में राजनीति विज्ञान/लोक प्रशासन तीसरे पायदान पर आ गया है। इस विषय को लेने वाले छात्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पीसीएस मुख्य परीक्षा में एक खास बात और उभरकर सामने आई है। वर्ष 2010 की मुख्य परीक्षा में रक्षा अध्ययन विषय की लोकप्रियता बढ़ी है। इस विषय में अभ्यर्थियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। इस वर्ष यह विषय अभ्यर्थियों की पसंद के हिसाब पांचवें नंबर पर आ गया है(आनन्द शुक्ल,दैनिक जागरण,इलाहाबाद,1.8.11)।

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