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01 अगस्त 2011

यूपीःराज्यकर्मियों में आक्रोश

प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से राज्यकर्मियों में आक्रोश है। लंबित मांगें समय रहते पूरी नहीं हुई, तो सरकार और शिक्षक कर्मचारियों में टकराव तय है। इसके लिए कार्यक्रम भी निर्धारित कर लिया गया है। 15 अगस्त, 08 को प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा की थी। कर्मचारी संगठनों की मांग पर मुख्यमंत्री मायावती ने भी उस समय विधानसभा में घोषणा की कि राज्यकर्मियों और शिक्षकों को केंद्र की भांति जनवरी, 06 से वेतन भत्ते एवं अन्य लाभ दिए जाएंगे, लेकिन सरकार ने वेतन समिति गठित करते हुए इसका लाभ टुकड़े-टुकड़े में निर्णय देने का सिलसिला शुरू कर दिया। राज्यकर्मियों, निगम कर्मियों और शिक्षकों को अभी तक लाभ से वंचित रखा गया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा का कहना है कि केंद्र सरकार ने नगरों की श्रेणी के आधार पर मकान किराया भत्ता क्रमश: 30, 20 और 10 फीसदी निर्धारित किया है लेकिन राज्यकर्मियों को इस सुविधा को देने की बात आई तो नगरों के वर्गीकरण को तोड़ दिया गया। जिलाध्यक्ष हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि कर्मचारी और शिक्षक नौ अगस्त को लखनऊ में धरना देकर सरकार को उसके वादे को याद दिलाएंगे(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,1.8.11)।

2 टिप्‍पणियां:

  1. महोदय, कृपया इस समस्या को अपने लेख मे शामिल करे तथा अपने स्तर से मदद भी करे।"उत्तर प्रदेश के विश्वविघालय/महाविघालय मे कार्यरत शिक्षको को यूजीसी ध्दारा छठा वेतनमान वर्ष2006 से लागू किया जा चुका है। जबकि उसी वि॰वि॰/महाविघालय मे कार्यरत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो को राज्य सरकार ध्दारा छठा वेतनमान दिया जा रहा है।जबकि उसी संस्था मे एक ही छत के नीचे शिक्षक और कर्मचारी अपने अपने दायित्वो का पालन करते है।जबकि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वि॰वि॰/महाविघालय के अभिन्न अंग है। लेकिन यूजीसी/मानव संसाधन विकास मंत्रालय ध्दारा तृतीय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो से सौतेला व्यहार और भेदभाव का रवैया अपना रहा है।जबकि यह प्रकरण कई वर्षो से मानव संसाधन विकास मंत्रालय मे विचाराधीन है लेकिन अभी तक उसका निस्तारण न करना कर्मचारियो के साथ अन्याय है।(प्रेषक-ऋषि मिश्रा,अध्यक्ष कर्मचारी संघ,बुध्द विघा पीठ महाविघालय,सिध्दार्थनगर उप्र-ईमेल-mishrarishik@gmail.com) कृपया आपसे सहायता की अपेक्षा करता हूँ। प्रणाम

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  2. महोदय, कृपया इस समस्या को अपने लेख मे शामिल करे तथा अपने स्तर से मदद भी करे।"उत्तर प्रदेश के विश्वविघालय/महाविघालय मे कार्यरत शिक्षको को यूजीसी ध्दारा छठा वेतनमान वर्ष2006 से लागू किया जा चुका है। जबकि उसी वि॰वि॰/महाविघालय मे कार्यरत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो को राज्य सरकार ध्दारा छठा वेतनमान दिया जा रहा है।जबकि उसी संस्था मे एक ही छत के नीचे शिक्षक और कर्मचारी अपने अपने दायित्वो का पालन करते है।जबकि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वि॰वि॰/महाविघालय के अभिन्न अंग है। लेकिन यूजीसी/मानव संसाधन विकास मंत्रालय ध्दारा तृतीय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो से सौतेला व्यहार और भेदभाव का रवैया अपना रहा है।जबकि यह प्रकरण कई वर्षो से मानव संसाधन विकास मंत्रालय मे विचाराधीन है लेकिन अभी तक उसका निस्तारण न करना कर्मचारियो के साथ अन्याय है।(प्रेषक-ऋषि मिश्रा,अध्यक्ष कर्मचारी संघ,बुध्द विघा पीठ महाविघालय,सिध्दार्थनगर उप्र-ईमेल-mishrarishik@gmail.com) कृपया आपसे सहायता की अपेक्षा करता हूँ। प्रणाम महोदय, कृपया इस समस्या को अपने लेख मे शामिल करे तथा अपने स्तर से मदद भी करे।"उत्तर प्रदेश के विश्वविघालय/महाविघालय मे कार्यरत शिक्षको को यूजीसी ध्दारा छठा वेतनमान वर्ष2006 से लागू किया जा चुका है। जबकि उसी वि॰वि॰/महाविघालय मे कार्यरत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो को राज्य सरकार ध्दारा छठा वेतनमान दिया जा रहा है।जबकि उसी संस्था मे एक ही छत के नीचे शिक्षक और कर्मचारी अपने अपने दायित्वो का पालन करते है।जबकि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी वि॰वि॰/महाविघालय के अभिन्न अंग है। लेकिन यूजीसी/मानव संसाधन विकास मंत्रालय ध्दारा तृतीय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो से सौतेला व्यहार और भेदभाव का रवैया अपना रहा है।जबकि यह प्रकरण कई वर्षो से मानव संसाधन विकास मंत्रालय मे विचाराधीन है लेकिन अभी तक उसका निस्तारण न करना कर्मचारियो के साथ अन्याय है।(प्रेषक-ऋषि मिश्रा,अध्यक्ष कर्मचारी संघ,बुध्द विघा पीठ महाविघालय,सिध्दार्थनगर उप्र-ईमेल-mishrarishik@gmail.com) कृपया आपसे सहायता की अपेक्षा करता हूँ। प्रणाम

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