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05 अगस्त 2011

भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए बृहस्पतिवार को जंतर-मंतर पर पूर्वाचल एकता मंच ने धरना-प्रदर्शन किया। धरने की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष शिवाजी राव ने की। उन्होंने कहा कि इस मानसून सत्र में भोजपुरी भाषा को संविधान आठवीं अनुसूची में जगह नहीं दी तो वे वे देशव्यापी आंदोलन करेंगे। इस मौके पर कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में लाने के लिए गंभीर है और वह हर साल में सरकार से ऐसा करवाएंगे। इस अवसर पर भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं सांस्कृतिक केंद्र इग्नू के निदेशक प्रो. शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि वे दुनिया की सभी भाषओं का सम्मान करते है। सभी भाषाएं महत्वपूर्ण एवं मीठी है। भोजपुरी भी उनमें से एक है। इस भाषा को अब तक आठवीं अनुसूची में शामिल न करके सरकार ने देश का अपमान किया है। मंच के संयोजक चंद्रशेखर राय ने कहा कि संसद को इस बारे में विचार करना होगा। भोजपुरी हमारी मात्र भाषा है। संतोष पटेल ने कहा कि अगर सरकार ने इसे आठवीं सूची में स्थान नहीं दिया तो वे चक्का जाम कर देशव्यापी आंदोलन के लिए तैयार हैं। धरना स्थल पर हजारों की संख्या में भोजपुरी बोलने वाले विभिन्न राज्यों से लोग एकत्र हुए जिन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की(दैनिक जागरण,दिल्ली,5.8.11)।

राष्ट्रीय सहारा की रिपोर्टः
भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर पूर्वाचलवासीयों ने बृहस्पतिवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर सांसद महावल मिश्रा ने कहा की उनकी सरकार भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कृत संकल्प है। पूर्वाचल एकता मंच के अध्यक्ष शिवजी सिंह ने कहा कि भोजपुरी समाज अगले लोकसभा और विधान सभा में उसी पार्टी को वोट देगा, जो भोजपुरी को अनुसूची में शामिल किये जाने का आासन देगी। मंच के संयोजक चंद्रशेखर राय ने कहा कि भोजपुरी हमारी मातृ भाषा है और जिस तरह हम अपनी माँ का सम्मान करते है, उसी प्रकार केंद्र सरकार को भी भोजपुरी भाषा-भाषियों का सम्मान करते हुए इसको तत्काल अष्टम अनुसूची में शामिल करना चाहिए।

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