मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

25 अगस्त 2011

यूपीःअंशकालिक शिक्षकों के प्रधानाचार्य बनने की राह में रोड़े बरकरार

वित्त विहीन विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों के लिए प्रधानाचार्य बनने की राह के सारे रोड़े अभी नहीं हटे हैं। शिक्षा विभाग सिद्धांतत: उनके अनुभव को मान्यता देने पर तो राजी है, लेकिन उसने गेंद शासन के पाले में डाल दी है। अब यदि शासन इसे मंजूरी देता भी है, तो अधिकांश शिक्षक आवेदन से वंचित रह जाएंगे, क्योंकि प्रधानाचार्य पद के लिए आवेदन करने के लिए बस गुरुवार का ही दिन शेष रह गया है। गौरतलब है कि अंशकालिक शिक्षकों की मांग है कि उनके आवेदन पत्रों पर उसी तरह विचार किया जाए जैसे कि सीबीएससी और आइसीएससी बोर्ड के विद्यालयों के शिक्षकों के आवेदन पर विचार किया जाता है, लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षकों ने उनके अनुभव प्रमाणपत्र पर प्रति हस्ताक्षर (काउंटर साइन) करने से मना कर दिया। इस पर अशासकीय प्रधानाचार्य परिषद के महासचिव त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को आधार बनाते हुएशिक्षा निदेशक को प्रत्यावेदन दिया था। इस पर विचार करने के बाद शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने अपना प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार अंशकालिक शिक्षकों के अनुभव प्रमाणपत्रों को प्रति हस्ताक्षरित किए जाने से अलग नहीं रखा जा सकता। किसी अध्यापक विशेष के बारे में तो यह फैसला किया जा सकता है, लेकिन समूह के रूप में यह गलत होगा। उन्होंने सचिव माध्यमिक से इस संबंध में सचिव माध्यमिक से इस प्रकरण पर विचार करने के साथ ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को निर्देश पत्र जारी करने की अपेक्षा भी की है। शिक्षा निदेशक के अनुसार शासन को समस्त तथ्यों से अवगत करा दिया गया है। दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास इस संबंध में स्पष्ट शासनादेश का अभाव है। यहां तक कि कुछ आवेदन पत्रों जिन पर जिला विद्यालय निरीक्षकों ने प्रति हस्ताक्षर कर रखे हैं, वह उस पर भी विचार करने को तैयार नहीं है। बोर्ड के सचिव शेषमणि पांडेय कहते हैं-शासन स्तर पर जो भी आदेश आएगा, उसे बोर्ड में रखा जाएगा। बोर्ड तय करेगा कि इस बारे में क्या किया जा सकता है(दैनिक जागरण,लखनऊ,25.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।