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08 अगस्त 2011

लखनऊःपरिषदीय विद्यालयों में अब भी खाली बच्चों का बैग

शैक्षिक सत्र प्रारंभ हुए एक माह से भी अधिक का समय बीत चुका है लेकिन परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का बस्ता अब तक खाली है। विभाग की लेटलतीफी के कारण पहले ही पिछड़ चुकी नि:शुल्क पुस्तक वितरण योजना अब और अधिक देर का शिकार हो रही है। 31 जुलाई तक बच्चों के हाथों में अधिकांश किताबें उपलब्ध कराने का दावा करने वाला बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग अब तक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों की पुस्तकें विद्यालयों तक नहीं पहुंचा सके हैं। सर्वशिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से कक्षा आठ तक सभी बच्चों को नि:शुल्क पुस्तक उपलब्ध कराने की योजना है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों के साथ माध्यमिक शिक्षा के तहत संचालित होने वाले कक्षा छह से कक्षा आठ तक के स्कूल भी इस योजना में शामिल हैं। इस वर्ष नि:शुल्क पुस्तक वितरण करने की योजना शुरूआत से ही लड़खड़ा गई थी। टेंडर और छपाई की प्रक्रिया अपने नियत समय से करीब डेढ़ माह बाद शुरू हो सकी। बेसिक शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने तीन चरणों में पुस्तकों के वितरण की बात कही थी। दस जुलाई तक हिंदी की कलरव और गणित की गिनतारा पुस्तक की वितरण की बात कही गई थी। विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की किताबों का वितरण 31 जुलाई तक हो जानी थीं। वहीं दस अगस्त तक सभी किताबों बच्चों के हाथों में होने की बात कही गई है। पुस्तक वितरण के दो चरण बीत चुके हैं लेकिन बच्चों के हाथों में हिंदी, गणित और कुछ अन्य पुस्तकें ही पहुंच सकी हैं। तीसरे चरण की किताबें अब तक विभाग को नहीं मिली हैं। पुस्तकें प्राप्त होने के बाद उनके सत्यापन के लिए तीन दिन निर्धारित हैं। ऐसे में दस अगस्त तक सभी पुस्तकें बच्चों के पास होंगी, इसकी संभावना कम ही लगती है। ब्लॉक स्तर पर पुस्तक वितरण की योजना तो और भी लचर है(दैनिक जागरण,लखनऊ,8.8.11)।

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