मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

12 अगस्त 2011

कानपुरःयूआईईटी में शिक्षक संकट गहराया

मनमाफिक वेतनमान न मिलने से नाराज यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी (यूआईईटी) सीएसजेएम विश्वविद्यालय के 35 शिक्षकों ने कार्यभार नहीं संभाला है। रीडर, लेक्चरर पद पर नियुक्ति मिलने के बाद भी इन शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है।

यूआईईटी में शिक्षकों का संकट और गहरा गया है। सबसे पहले कंप्यूटर अप्लीकेेशन के शिक्षक डा. गिरीश सिंह ने नौकरी छोड़ने का अप्लीकेशन दिया। अब साक्षात्कार से नियुक्ति पाने वाले 40 में से 35 शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण करने से इंकार कर दिया है। शिक्षकों का तर्क है कि एआईसीटीई की अर्हता से चयन किया गया है। अब पांचवें वेतनमान और 19600 रुपए के फिक्स वेतनमान पर पढ़ाने का दबाव डाला जा रहा है। इस कारण आईटी डिपार्टमेंट के दो रीडर, चार लेक्चरर ने कार्यभार नहीं संभाला है। केमिकल इंजीनियरिंग, मैटेरियल साइंस, इलेक्ट्रानिक्स में नियुक्ति पाने वाले भी नहीं आए। मैथ में चार शिक्षकों ने कार्र्यभार संभाला था। इसमें से एक छोड़कर चले गए हैं। मेकेनिकल इंजीनियरिंग में कार्यभार संभालने वाली शिक्षक भी नौकरी छोड़कर चली गई हैं। नई व्यवस्था में तीन साल के अनुबंध का प्रावधान कर दिया गया है, जो ठीक नहीं है। शिक्षकों की कमी से शैक्षिक, शोध की गतिविधियां प्रभावित हैं। 
पांचवां, फिक्स वेतनमान मिलने से अच्छे शिक्षक नहीं आ रहे हैं। अब व्यवस्था बदलनी होगी, तभी शिक्षक आएंगे। सही तरीके से पढ़ाई कराई जा सकेगी। शिक्षकों का संकट बड़ा है। इसे लेकर ही 14 गेस्ट फैकल्टी बुलाई जा रही है। इससे समस्या थोड़ी कम होगी। 
डा. अर्पिता यादव, निदेशक यूआईईटी(अमर उजाला,कानपुर,12.8.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।