मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

20 अगस्त 2011

यूपीःटीईटी प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खड़े किए हाथ

नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को प्रदेश में आयोजित कराने के मुद्दे पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। यह कहते हुए कि वर्ष 2012 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की तैयारियों के मद्देनजर उप्र बोर्ड द्वारा टीईटी आयोजित कर पाना न तो व्यावहारिक होगा और न ही संभव। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस तर्क के साथ टीईटी आयोजित कराने में असमर्थता बेसिक शिक्षा महकमे से जता दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में टीईटी आयोजित करने के बारे में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने मई में शासन को प्रस्ताव भेजा था। उसी दौरान शासन स्तर पर हुए विचार विमर्श में यह तय हुआ कि टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी जाए, क्योंकि उसे बड़ी परीक्षाएं आयोजित कराने की विशेषज्ञता, संसाधन और अनुभव हासिल है। चूंकि यूपी बोर्ड माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन है, इसलिए सचिव बेसिक शिक्षा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजकर टीईटी के आयोजन के लिए उसकी सहमति मांगी थी। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से अभिमत मांगा था। जवाब में माध्यमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा परिषद (उप्र बोर्ड) के सभापति संजय मोहन ने शासन को पत्र लिखकर कहा था कि शासन उप्र बोर्ड को टीईटी के आयोजन का दायित्व सौंपना चाहता है, तो इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 के धारा 9(4) के तहत वह बोर्ड को यह निर्देश दे सकता है। इसके बावजूद माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी उप्र बोर्ड को सौंपे जाने के पक्ष में नहीं थे। इस वजह से क्योंकि टीईटी के आयोजन के कारण उप्र बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां प्रभावित होंगी। इसलिए उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी। काबिले गौर है कि टीईटी का आयोजन दिसंबर से पहले होना है। माध्यमिक शिक्षा विभाग का रुख जानने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा अनिल संत ने टीईटी के बारे में आवश्यक कार्यवाही के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेष सचिव बेसिक शिक्षा अनीता मेश्राम और निदेशक एससीईआरटी दिनेश चंद्र कनौजिया को निर्देश दिया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि टीईटी को किसी अन्य संस्था से आयोजित कराने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं। इस सिलसिले में टीईटी आयोजित कर चुके कुछ अन्य राज्यों के अनुभव को भी जाना जाए(राजीव दीक्षित, दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।