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02 अगस्त 2011

पंजाबःअनेक स्कूलों में नहीं हैं प्रिंसीपल व हैडमास्टर

राज्य के सरकारी स्कूलों को इन दिनों विभिन्न मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अगर जिला मानसा की बात करें तो कई स्कूलों में जहां लंबे समय से प्रिंसिपलों व हैडमास्टरों की पोस्टें रिक्त पड़ी हैं, वहीं करीब 50 प्रतिशत स्कूलों में खेल के मैदान नहीं, 25 प्रतिशत स्कूलों में स्वच्छ पेयजल नहीं है और करीब दो दर्जन स्कूलों की हालत अति दयनीय स्थिति में है।
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जिले में कुल 275 प्राइमरी स्कूल हैं, जबकि मिडल, हाई व सेकेंडरी स्कूलों की संख्या करीब 175 हैं। कुल 450 स्कूलों में प्रिंसिपल के 50 में से 35 पद खाली पड़े हैं, जबकि हैडमास्टर के लिए 52 में से 42, लेक्चरार के 300 पदों में से 100 पद, प्राइमरी टीचरों के 1000 पदों में से 300 पद तथा मास्टर केडर के 1200 में से 350 पद रिक्त पड़े हैं। इतना ही नहीं दो दर्जन के करीब स्कूलों की इमारतें नकारा हो चुकी हैं, जिनके नवनिर्माण हेतु फिलहाल कोई भी योजना नजर नहीं आ रही। जिले के स्कूलों की दयनीय हालत पर चिंता जाहिर करते हुए शिक्षा बचाओ कमेटी ने राज्य के स्कूलों की नाजुक हालत पर एक तथ्य आधारित आश्चर्यजनक रिपोर्ट राज्य के मुख्यमंत्री को भेजी है, जिसके अनुसार पंजाब के एलीमेंट्री व सेकेंडरी स्कूलों में तकनीकी सुविधाओं व अध्यापकों की कमी के कारण पंजाब में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। उधर, जिला शिक्षा अफसर (स) ने कहा कि शीघ्र ही सरकार द्वारा प्रिंसिपलों के रिक्त पड़े पद भरे जा रहे हैं और इसके साथ ही सरकार की आगामी योजनाओं तहत लेक्चरारों व हेडमास्टरों की पोस्टें भी मुकम्मल कर ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि खस्ताहाल में मौजूद स्कूलों की हालत के बारे में सरकार व शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है(दीपक सिंगला,दैनिक ट्रिब्यून,2.8.11)।

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