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05 अगस्त 2011

उत्तराखंडःकेंद्रीय विद्यालय के शिक्षक नहीं पढ़ाना चाहते सप्ताह में छह दिन

केंद्रीय विद्यालय संगठन के शिक्षक अब सप्ताह में छह दिन नहीं पढ़ाना चाहते। केंद्रीय कर्मचारियों की भांति वे भी सप्ताह में दो दिन अवकाश चाहते हैं। इस संबंध में अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ (देहरादून संभाग) केंद्रीय कार्यकारिणी को अपनी मंशा लिखित रूप से जाहिर कर चुका है कि केंद्रीय विद्यालयों में पांच दिन का सप्ताह लागू किया जाए। देहरादून में 12 केवी व देहरादून संभाग में 56 केवी हैं जिनमें सैकड़ों शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। सप्ताह में छह दिन पढ़ाने वाले शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि अब वे सप्ताह में केवल पांच दिन ही पढ़ाएंगे। यदि मांग के अनुरूप वास्तव में पांच दिन के सप्ताह की व्यवस्था लागू कर दी जाए तो इससे विद्यार्थियों के कोर्स पर खासा प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। सभी केंद्रीय विद्यालयों में दूसरे शनिवार के अवकाश को छोड़ भी दें तो हर माह तीन अवकाश अतिरिक्त होते हैं। इस हिसाब से पूरे शिक्षण सत्र में करीब एक माह अतिरिक्त अवकाश में चला जाएगा। इस एक माह के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई कितनी प्रभावित होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दूसरी ओर, संघ का इस अतिरिक्त अवकाश अथवा पांच दिन के सप्ताह पर अपना तर्क है। संघ के महामंत्री एएस कपूर का कहना है कि यह मांग केवी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुविधा के लिए ही की गई है। श्री कपूर के अनुसार केवी में ज्यादातर केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चे पढ़ रहे हैं जिनकी सप्ताह में दो दिन छुट्टी होती है। ऐसे में यदि कर्मचारी अपने बच्चे को छुट्टी के दिन कहीं ले जाना चाहें तो उसे स्कूल से छुट्टी लेनी होगी। यदि पांच दिन का सप्ताह कर दिया जाए तो कर्मचारियों व उनके बच्चों की यह दिक्कत खत्म हो जाएगी। पढ़ाई का नुकसान न हो, इसके लिए पढ़ाई के घंटे बढ़ाए जा सकते हैं। बहरहाल, इस मसले में अंतिम निर्णय बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक में लिया जाता है। संघ भी मान रहा है कि मांग पूरी होने में वक्त लगेगा(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,5.8.11)।

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