मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

13 अगस्त 2011

लखनऊ विविःचालीस कोर्स बंदी की कगार पर

लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए चली काउंसलिंग का सन्नाटा 40 कोर्सेज पर भारी पड़ सकता है। प्रत्येक कोर्स में 40 फीसदी दाखिले की शर्त पूरा न कर पाने के कारण इन पाठ्यक्रमों को सत्र 2011-12 के दौरान बंद किए जाने की तैयारी की जा रही है। डिप्लोमा एवं प्रोफिशिएंसी पाठ्यक्रमों में सूखा तो आम बात है, लेकिन इस बार लखनऊ विवि के कई विभागों के रेगुलर कोर्सेज में भी छात्रों का टोटा है। आवेदन के बाद भी काउंसलिंग में अभ्यर्थियों की बेरुखी जारी है, जिसके चलते, कई रेगुलर कोर्सेज के इस सत्र में स्थगित होने की तलवार लटक रही है। हालांकि, इन पाठ्यक्रमों के स्थगन के संबंध में अंतिम फैसला मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रस्तावित बैठक में होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा फीस वृद्धि के फैसले का असर इस सत्र में दाखिले के लिए होने वाली काउंसलिंग पर साफ दिखाई दे रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के पीजी पाठ्यक्रमों में शुरुआत से ही छात्रों का रुझान कम है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस सत्र में दाखिले के लिए करीब साढ़े पांच हजार आवेदन कम प्राप्त हुए थे। सत्र 2010-11 में जहां करीब 16,000 अभ्यर्थियों ने परास्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन किए थे। वहीं, इस सत्र में आवेदन की संख्या घटकर 11,800 तक पहुंच गई।
पिछले साल स्थगित रहे लॉ फैकेल्टी में संचालित रहे एमएलपीएम एवं एमबीएल कोर्स को इस बार में अभ्यर्थी नहीं मिले। एमएलपीएम में इस बार भी सीटों के महज 12 फीसदी ही आवेदन आए हैं। ऐसे में इस बार भी इनका बंद होना तय है। वुमेन स्टडीज में करीब दो-तिहाई सीटों के लिए अभ्यर्थी ने आवेदन नहीं किया। काउंसलिंग में भाग लेने वालों की संख्या तो और कम हो गई, जिसके चलते मास्टर्स इन वुमेन स्टडीज पाठ्यक्रम स्थगित होना तय है। पीजी के रेगुलर कोर्सेज वुमेन स्टडीज, मार्डन अरबिक, पर्शियन, ज्योर्तिविज्ञान, रिन्युवेबल एनर्जी, फ्रेंच, यौगिक साइंस, इवेंट मैनेजमेंट, आचार्य, एमएलपीएम, एमएससी मॉस काम समेत कई दूसरे कोर्सेज में 40 फीसदी से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं। डिप्लोमा एवं प्रोफिशिएंसी पाठ्यक्रमों में उर्दू, पाली, मराठी, रशियन, जर्मन, मॉडर्न अरबिक, फ्रेंच, लिंग्विस्टिक, मीडिया राइटिंग, रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड मैनेजमेंट और एचआईवी एंड एड्स, रिमोट सेंसिंग, हॉस्पिटल हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन, फॉरेंसिक साइंस और एयरलाइन एंड टिकटिंग समेत कई कोर्स बंदी की कगार पर हैं। लखनऊ विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. पदमकांत ने बताया कि पीजी के करीब 40 पाठ्यक्रमों में चालीस फीसदी से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें भी करीब 15 ऐसे पाठ्यक्रम में जिनमें एक भी आवेदन नहीं आए हैं। चूंकि काउंसलिंग अभी जारी है, इसलिए 30 अगस्त तक दाखिले का ऑप्शन खुला रखे जाने की उम्मीद है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला 16 अगस्त को होने वाली मीटिंग में ही लिया जाएगा(अमर उजाला,लखनऊ,13.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।