मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

27 अगस्त 2011

छत्तीसगढ़ःसेकंड शिफ्ट वाले कॉलेज बीई की काउंसिलिंग से बाहर

छत्तीसगढ़ में द्वितीय पाली में इंजीनियरिंग कॉलेज चलाने वाले संचालकों को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बुधवार को एक अहम फैसला करते हुए सेकंड शिफ्ट वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों को राज्य सरकार की अनुमति और तकनीकी विश्वविद्यालय की संबद्धता के बिना काउंसिलिंग में शामिल होने पर रोक लगा दी है।

उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि द्वितीय पाली वाले इंजीनियरिंग कॉलेज काउंसिलिंग में तभी शामिल हो सकते हैं जब राज्य सरकार उन्हें इसके लिए अनुमति दे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ तकनीकी शिक्षा विभाग ने हर साल इंजीनियरिंग कॉलेजों में हजारों सीटें खाली रह जाने की वजह से इस वर्ष नए कॉलेजों पर रोक और सेकंड शिफ्ट वाले सात इंजीनियरिंग कॉलेजों को काउंसिलिंग से बाहर करने का फैसला लिया था।


सरकार के इस फैसले के विरोध में द्वितीय पाली में इंजीनियरिंग कॉलेज चलाने वाले महानदी एजुकेशन सोसाइटी समेत दो कॉलेजों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कॉलेजों को काउंसिलिंग में शामिल करने की अपील की थी। उच्च न्यायालय ने इस अपील को पर बुधवार को अपना फैसला सुना दिया। 
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी : 

छत्तीसगढ़ में वर्तमान समय में 57 इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हैं। इसमें तीन शासकीय, दो स्वशासी, 45 निजी और सात सेकंड शिफ्ट वाले इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं। 

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद द्वितीय पाली में भी इंजीनियरिंग कॉलेज चलाने वाले प्राइवेट कॉलेजों के संचालकों को तगड़ा झटका लगा है। पहले से ही खाली सीटों की मार झेल रहे कॉलेजों को काउंसिलिंग से बाहर होने पर कॉलेज चलाने का संकट खड़ा हो रहा है। इन कॉलेजों के संचालक अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना रहे हैं।

ये कॉलेज काउंसिलिंग से बाहर

- भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भिलाई हाउस दुर्ग। 

- छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुर्ग। 

- दिशा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी रायपुर। 

- छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी राजनांदगांव। 

- रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रायपुर। 

- 06. रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई 

- श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई।

छात्रों के दस्तावेज वापस करने होंगे

सेकंड शिफ्ट वाले कॉलेजों ने कई छात्रों के दस्तावेज अपने पास जमा कर रखे थे। कॉलेज प्रंबंधन ने छात्रों को आश्वासन दिया था कि हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद उन्हें द्वितीय पाली के कॉलेजों की बेहतर ब्रांचों में प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद उनके सारे आश्वासन धरे के धरे रह गए। 

ऐसे में अब उन्हें छात्रों को ओरिजनल दस्तावेज वापस करने होंगे, जिससे छात्र दूसरे कॉलेजों में प्रवेश ले सकेंगे(दैनिक भास्कर,रायपुर,25.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।