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13 अगस्त 2011

एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के तौर पर करिअर

हवाई यात्रा करने में बेहद मजा आता है, लेकिन हमारी-आपकी इस हवाई यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिसर (एसीटीओ)। एसीटीओ का काम उड़ान भरते हुए, लैंडिंग के समय और यहां तक कि हवाई यात्रा के दौरान भी हवाई जहाज को रास्ता दिखाना है। ये ऑफिसर न सिर्फ भारत से उड़ान भरने और लैंडिंग करने वाले हवाई जहाजों की मदद करते हैं, बल्कि एक से दूसरे देश जाने के लिए भारतीय आसमान का उपयोग करने वाली दूसरी उड़ानों में भी मदद करते हैं। ये ऑफिसर एटीसी टावर की खिड़कियों और राडार के जरिये आसमानी यातायात पर नजर बनाए रखते हैं। भारत के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आधी रात के वक्त अंतरराष्ट्रीय व घरेलू उड़ानों की संख्या 200 से 300 तक पहुंच जाती है। एटीसीओ की नियुक्ति भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की ओर से की जाती है।

वेतन
एक जूनियर ऑफिसर के रूप में एक माह का वेतन 16,400 रुपये से 40,500 रुपये, साथ में कुछ अन्य भत्ते, होता है। इन भत्तों में रेटिंग भत्ता और तनाव भत्ता भी शामिल होता है, जो 6,000 रुपये से 24,000 रुपये तक हो सकता है। कार्यकारी निदेशक के रूप में एक माह का वेतन 62,000 रुपये से 80,000 रुपये तक होता है।

योग्यताएं
12वीं कक्षा में विज्ञान की पढ़ाई के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, रेडियो इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रथम श्रेणी के साथ स्नातक की डिग्री या इलेक्ट्रॉनिक्स या किसी अन्य क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, रेडियो, भौतिकी विषयों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री। एटीसीओ बनने के लिए सबसे पहले एएआई की लिखित परीक्षा को पास कर, आवाज के लिए टेस्ट, साक्षात्कार और फिर मेडिकल टेस्ट को पास करना जरूरी है। इसके बाद चुने गए आवेदकों को सिविल एविएशन ट्रेनिंग कॉलेज, इलाहाबाद और हैदराबाद में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है।

संस्थान

सिविल एविएशन ट्रेनिंग कॉलेज, इलाहाबाद। सफल आवेदकों को एरिया कंट्रोल सेंटर ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भी भेजा जाता है।

काम के घंटे
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नियुक्त किसी भी एटीसीओ की शिफ्ट पहले दिन दोपहर 1.30 बजे से शाम के 7.30 बजे तक, दूसरे दिन सुबह 7.30 बजे से दोपहर के 1.30 बजे तक और तीसरे दिन शाम के 7.30 बजे से सुबह के 7.30 बजे तक होती है। शिफ्ट का यह चक्र हर चौथे दिन पर दोबारा शुरू किया जाता है। एक एटीसीओ की सुबह की शिफ्ट कुछ इस प्रकार से होती है:
सुबह 7.15 बजे: (दो शिफ्ट की अदला-बदली में लगभग 15 मिनट का वक्त लगता है) पहले रात में काम कर रहे कंट्रोल से संक्षेप में मुख्य जानकारी लेना, उससे काम और चेनल का जिम्मा लेना और उन्हें उनके काम से मुक्त करना।
सुबह 7.30 बजे: यातायात की स्थिति को समझना। स्थिति को देखते हुए उड़ान भरने या उसे रोकने और यातायात को साफ करने की सूचनाएं देना। हवाई जहाजों को उनकी स्थिति को समझने में मदद करना।
सुबह 8.45 बजे: अपने सहकर्मी को संक्षेप में स्थिति से अवगत कराना।
सुबह 9 बजे: रेस्टरूम या प्रशिक्षण सत्र के लिए जाना।
सुबह 10 बजे से दोपहर के 12 बजे तक: काम दोबारा शुरू करना।
दोपहर 1.15 बजे: दूसरी शिफ्ट पर आए ऑफिसर को संक्षेप में ट्रैफिक की स्थिति समझाना।
दोपहर 1.30 बजे: शिफ्ट खत्म।
कौशल
तर्कसंगत विचार करने की क्षमता
संचार बनाने का कौशल
जल्दी से जल्दी निर्णय लेने और पूरा ध्यान लगा कर काम करने की क्षमता
नफा-नुकसान
बड़े हवाई जहाजों और इंसानों की सुरक्षित उड़ान में मदद।
यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी का काम है, जिसमें सैकड़ों-हजारों लोगों की जिंदगी एक तरह से आपके हाथ में होती है। 
एटीसीओ अपने पूरे करियर में तरक्की करते हैं। वे सिर्फ कंट्रोल रूम तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे बतौर प्रोफेशनल ट्रेनर्स, किसी घटना के जांचकर्ता और सुरक्षा एक्सपर्ट के रूप में भी आगे बढ़ सकते हैं
डीके बेहेरा, महासचिव, एटीसी गिल्ड, इंडिया(रुचि गुप्ता,हिंदुस्तान,दिल्ली,9.8.11)

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