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27 अगस्त 2011

रायपुरःवाई-फाई से लैस होगा डिकल कॉलेज कैंपस

पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज कैंपस जल्द ही वाई-फाई सुविधा से लैस होगा। इसके जरिए कॉलेज के छात्र कॉलेज कैंपस के किसी भी कोने में बैठकर इंटरनेट की दुनिया से जुड़ सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने लैपटॉप में केबल कनेक्शन या डाटा कार्ड लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चिकित्सा छात्र और जूनियर डाक्टर इस ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से मेडिकल के क्षेत्र में दुनिया भर में हो रहे रिसर्च के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे।

रिसर्च में मिलेगी मदद :कॉलेज प्रशासन ने कैंपस को ऑनलाइन करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अशोक शर्मा ने बताया, चिकित्सा छात्रों और जूनियर डॉक्टरों को रिसर्च में मदद दिलाने के लिए पूरे कैंपस को ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है।


अभी लगानी पड़ती है लाइन :अभी केवल लाइब्रेरी और विशेष कक्षों में ही इंटरनेट कनेक्शन हैं, जहां कंप्यूटर भी गिनती के हैं। अभी संसाधन सीमित होने की वजह से सभी छात्रों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मौजूदा उपलब्ध सुविधाओं में चिकित्सा छात्रों को नेट कनेक्शन से जुड़ने के लिए कई बार लाइन में भी लगना पड़ता है। 

जाएगा आसान काम :

आमतौर पर ज्यादातर जूनियर डॉक्टर व चिकित्सा छात्र लैपटॉप या इंटरनेट सिस्टम वाला मोबाइल रखने लगे हैं। सिस्टम अस्तित्व में आने के बाद लैपटॉप में केबल कनेक्शन या डाटा कार्ड जोड़ने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। वह कैंटीन में बैठे-बैठे ही वे नेट सर्चिग कर सकेंगे। 

..ताकि हैक न कर पाएं

मेडिकल कॉलेज को ऑनलाइन करने का मतलब यह नहीं कि कोई भी बाहरी व्यक्ति अपना लैपटॉप लेकर वहां पहुंच जाए और उपयोग करने लगे। डॉ. अमरीश वर्मा ने बताया कि प्रत्येक चिकित्सा छात्र और जूनियर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। उन्हें आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा। जिनके पास यह रहेगा, वही अपने लैपटॉप में इंटरनेट सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

यह फायदे मिलेंगे

-चिकित्सा छात्रों को रिसर्च में मिलेगी मदद।

-चिकित्सा छात्र दुनिया भर में मेडिकल क्षेत्र में होने वाले बदलाव की जानकारी से होंगे अपडेट।

-इंटरनेट के माध्यम से विदेशी विद्यार्थियों की थिसिस की भी होगी जानकारी।

-चिकित्सा क्षेत्र में होने वाले नए रिसर्च पेपर्स भी वह आसानी से पढ़ सकेंगे।

-हजारों मेडिकल ई-जर्नल्स को अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहेंगे पढ़ सकेंगे(दैनिक भास्कर,रायपुर,27.8.11)।

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