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10 अगस्त 2011

नौकिरयां समेटने में जुट गईं अमेरिकी कंपनियां

कुछ अमेरिकी कंपनियां छोटी संख्या में सॉफ्टवेयर रोजगार अपने यहां रोक रही हैं। अमेरिका में रिकॉर्ड बेरोजगारी का उन्हें अहसास है। कंपनियों को यह भी पता है कि आउटसोर्सिंग को लेकर स्थानीय लोगों में कितनी नाराजगी है।

टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएल जैसी भारतीय आईटी कंपनियों पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। उन्हें लग रहा है कि अमेरिकी कंपनियां बड़े पैमाने पर ऐसा नहीं करेंगी। इसके बावजूद भारतीय आईटी कंपनियों के हाथ से कुछ काम निकल जाएगा।

जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) की चीफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर चार्लीन बेगली ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी कंपनी अपने आधे से ज्यादा आईटी कामकाज को आउटसोर्स करने की पुरानी रणनीति की समीक्षा कर रही है। जीई ने तीन साल में अमेरिका में 15 हजार नए रोजगार देने की बात कही है। इनमें से 1,100 को डेट्रॉयट आईटी सेंटर में काम मिलेगा।


दुनिया की सबसे बड़ी रीटेल कंपनी वॉलमार्ट ने भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट का काम कैलिफोर्निया के ब्रिसबेन सेंटर से करने का इरादा बनाया है। अब वह बंगलुरु में कैप्टिव टेक्नोलॉजी सेंटर नहीं खोलेगी। कंपनी के इस फैसले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने यह बताया। वॉलमार्ट ने अपनी वेबसाइट पर हालिया जॉब पोस्टिंग में 150 नए टेक्नोलॉजी रोजगार का विज्ञापन दिया है। इन लोगों को बेंटनविल, अरकनसास में काम मिलेगा, कंपनी का हेडक्वार्टर यहीं है। सूत्र ने बताया, 'इसमें से कुछ काम, करीब 25 फीसदी वॉलमार्ट भारत में कैप्टिव सेंटर से कर सकती थी।' 

अमेरिका स्थित कंपनियों के कम से कम दर्जन भर एग्जिक्यूटिव्स और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि और कंपनियां हाई एंड टेक्नोलॉजी रोजगार वापस लाएंगी। उन पर अमेरिका में रोजगार देने का स्थानीय लोगों की ओर से दबाव है। 

एक बड़ी अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी में काम करने वाले शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'जीई जैसी कंपनियों पर सामाजिक दबाव है। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करके यह दिखाना होगा कि जीई इस मामले में गंभीर है। लंबे समय से ऐसी कंपनियां अपने आर्थिक हित में काम कर रही थीं और इसका उन्हें फायदा भी हुआ है।' उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह जानकारी दी। जीई उनकी कंपनी के शीर्ष ग्राहकों में शामिल है। 

जनवरी में जीई के चेयरमैन और सीईओ ज्यॉफ्री आर इमेल्ट को रोजगार और प्रतिस्पर्धा पर राष्ट्रपति ओबामा के आयोग का प्रमुख बनाया गया था। इस समिति में जेरॉक्स, इंटेल और कई बड़ी कंपनियों के लीडर भी शामिल हैं। 

एचसीएल टेक्नोलॉजीज के सीईओ विनीत नायर ने बताया, 'बाजार में नए रोजगार पैदा करने का दबाव है। इसके साथ टेक्नोलॉजी से आमदनी बढ़ाने में मदद की मांग भी की जा रही है। इन वजहों से नए ऑनसाइट रोजगार पैदा होंगे। एक अच्छे कॉरपोरेट के तौर पर आपको स्थानीय स्तर पर नए रोजगार पैदा करने होंगे।' 

उन्होंने जीई की रणनीति के बारे में टिप्पणी करने से मना कर दिया लेकिन यह कहा कि ग्राहक कंपनियां वेंडरों से भी इसमें मदद मांग रही हैं। नायर ने कहा, 'मिसाल के तौर पर अगर आप यह देखें कि एचसीएल में क्या हो रहा है तो हम ग्राहकों के साथ को-सोर्सिंग डील कर रहे हैं। इससे करीब 9,000 ऐसे लोग हमारे साथ जुड़ गए हैं, जो पहले क्लाइंट कंपनी में काम करते थे।'(पंकज मिश्रा,इकनॉमिक टाइम्स,बेंगलुरू,10.8.11)

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