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05 अगस्त 2011

बिहारःकृषक पाठशाला खोलेगी दूसरी हरित क्रांति की राह

किसानों को खेती की अत्याधुनिक तकनीक से अवगत कराने और दूसरी हरित क्रांति के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष 2136 कृषक पाठशालाएं खोलने का निर्णय लिया है। सरकार की हर प्रखंड में कुल चार पाठशालाएं खोलने की योजना है। जिसमें से एक महिलाओं के लिए होगी। खास बात यह कि पाठशालाएं खेतों के बीच चलेंगी। जिन किसानों के खेत पर पाठशालाएं चलेंगी उन्हें एक फसल मौसम (चार माह) के दौरान सरकार इनपुट के रूप में 7500 रुपये देगी। पाठशालाओं में चार माह पढ़ाई होगी। प्रत्येक पाठशाला पर लगभग तीस हजार की लागत आएगी। सूबे में द्वितीय हरित क्रांति का सपना साकार करने के प्रति गंभीर राज्य सरकार ने पाठशालाएं खोलने के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। इस संबंध में विभागीय सचिव एन. विजय लक्ष्मी ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
कृषक पाठशाला की विशेषता
- कृषि वैज्ञानिक, विभागीय अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ एवं प्रगतिशील किसान लेंगे क्लास। 
- पाठशाला में दो ट्रेनर, छह क्लास। जिसके लिए एक हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता। 
- खेतों में ही चलेगी कृषक पाठशाला। जिस किसान की जमीन पर पाठशाला चलेगी, उसे इनपुट के रूप में 7500 रुपये सरकार देगी। 
- प्रत्येक पाठशाला पर खर्च होंगे लगभग 30,000 रुपये 
- हर पाठशाला से 500 किसानों को प्रशिक्षित करने का सरकार का लक्ष्य
- एक पाठशाला में 25 किसानों को प्रशिक्षण देंगे कृषि वैज्ञानिक 
- प्रशिक्षित किसान गांव के 20 किसानों को देंगे प्रशिक्षण 
-योजना की सफलता को विभागीय अधिकारियों को दिए गये निर्देश(नीरज कुमार,दैनिक जागरण,पटना,5.8.11)

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