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18 अगस्त 2011

उत्तराखंडःभरसार विवि को विश्व मानचित्र पर लाना प्राथमिकता

औद्यानिकी एवं वानिकी विविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा. मैथ्यू प्रसाद ने कहा कि विविद्यालय को वि मानचित्र पर एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित करना उनकी प्राथमिकता होगी। इसके लिए विविद्यालय में बौद्धिक वातावरण बनाने के लिए कारपोरेट कल्चर का समावेश किया जाएगा। बुधवार को विविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद डा. मैथ्यू ने कहा कि उत्तराखंड के लिए औद्यानिकी एवं वानिकी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका विकास व प्रबंधन वैज्ञानिक तरीके व उच्च तकनीकी के साथ किया जाना चाहिए। प्रदेश में वनाच्छादित क्षेत्र की व्यापकता और औद्यानिकी की असीम संभावनाओं को देखते हुए योग्य एवं प्रशिक्षित युवाओं की आवश्यकता होगी। इसे औद्यानिकी विविद्यालय पूरा करेगा। वैज्ञानिक शोध के माध्यम से औद्यानिकी व वानिकी की विकास योजनाओं को सशक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्यानिकी में फसल उत्पादन के अतिरिक्त और कई आयाम है। जैसे फल-सब्जी प्रसंस्करण, फूल व्यवसाय, सगंध व शोभनीय पौध व्यवसाय, लैडस्केप व्यवसाय, पार्क एवं उद्यान, टर्फ विकास एवं प्रबंधन आदि। वानिकी के क्षेत्र में ग्रीन बोनस के दृष्टिगत वनाच्छादित भूमि के मूल्य का सही आकलन जरूरी है। इसके लिए पर्यावरण, समाज और आर्थिकी पर वनों के प्रभाव का आंकलन करना होगा। वन परिमापन, जलवायु एंव मृदा आदि की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कारगर योजनाएं बनाने में महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए वानिकी में योग्य एवं प्रशिक्षित युवाओं की आवश्यकता होगी जो कि विविद्यालय उपलब्ध कराएगा। उन्होंने माना की भरसार दुर्गम क्षेत्र है। शुरूआती दौर में वहां छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। प्रारम्भ में शिक्षा, शोध व अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुविधाएं जुटाने का प्रयास किया जाएगा। जैसे-जैसे विविद्यालय विकसित होगा उसके आस-पास का क्षेत्र भी विकसित होने लगेगा। उन्होंने कहा कि यदि सभी समर्पित होकर कार्य करेंगे तो विविद्यालय को वि के मानचित्र में एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में लाया जाएगा। डा. प्रसाद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर से खाद्य प्रसंस्करण अभियांत्रिकी में परास्नातक व डाक्टरेट की उपाधियां प्राप्त की है। उन्होंने इलाहाबाद विविद्यालय से कृषि आभियांत्रिकी में स्नातक किया है। उनकी शोध उपलब्धियों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया है। डा. मैथ्यू ने इजरायल में वोलकानी रिसर्च संस्थान से पोस्ट हाव्रेस्ट तकनीक में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उन्होंने 14 वर्ष से अधिक समय तक जम्मू कश्मीर के कृषि विविद्यालय में शीतोष्ण औद्यानिकी पर कार्य किया है। उन्होंने ग्रीन बोनस के परिपेक्ष्य में अकाष्ठ वन उत्पादों के प्रसंस्करण व मूल्य वृद्धि का भी गहन अध्ययन किया है। उन्हें कृषि विविद्यालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, वि बैंक के यूपीडास्प में काम करने का 30 वर्ष का अनुभव है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,18.8.11)।

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