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27 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःकॉलेज परीक्षा में अब मिलेगी एक ही कॉपी!

कॉलेज के छात्रों को प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए केवल एक ही कॉपी दी जानी चाहिए। सप्लीमेंट्री उत्तर पुस्तिका दिए जाने का प्रावधान खत्म होना चाहिए। साथ ही हर प्रश्न के उत्तर की शब्द सीमा भी तय होना चाहिए, ताकि छात्र उत्तर पुस्तिकाओं में अनावश्यक बातें न लिख सकें। ये सुझाव उच्च शिक्षा विभाग की शुक्रवार को हुई बैठक में आए।
उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने और सेमेस्टर सिस्टम में सुधार लाने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने विभाग के अधिकारियों, कुलपतियों और प्रिंसिपल की बैठक बुलाई थी। बैठक में कुलपतियों समेत प्रिंसिपल ने अपनी-अपनी समस्याएं बताते हुए सुझाव दिए।
तारीफ मत करो सुझाव दो उच्च शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि विभाग के कुछ अधिकारी निजी कॉलेजों और निजी विवि से सांठगांठ कर आर्थिक हित साधने में लगे हैं, जो अत्यंत गंभीर है। इस दौरान श्री शर्मा को कई बार ये नसीहत देनी पड़ी कि बैठक में प्रिंसिपल और अधिकारी उनकी तारीफ करने के बजाए सुझाव दें।

उन्होंने बरकतउल्ला विवि के रजिस्ट्रार संजय तिवारी से जब रुके हुए रिजल्ट के बारे में पूछा तो वे टालमटोल करने लगे, जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताई। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि परीक्षा और रिजल्ट में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने हर विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर्स खोलने, एनएनसी को मजबूत बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ये भी कहा कि वे परीक्षा और रिजल्ट की प्रक्रिया ऑनलाइन करने जा रहे हैं।
इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. पीके मिश्रा ने बताया कि उन्होंने यूनिवर्सिटी का ढांचा बदलने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत वल्र्ड बैंक के सहयोग से प्रदेश की यूनिवर्सिटी की तस्वीर बदली जा सकती है। ये आए सुझाव और ये रहे तर्क >बिना गैप के परीक्षा आयोजित हों। तर्क-परीक्षा जल्दी आयोजित होंगी।
-केवल एक उत्तर पुस्तिका देकर शब्द सीमा तय की जाए। तर्क-कॉपियां जल्दी चेक होंगी, जिससे रिजल्ट जल्दी आएगा।
-एक्सीलेंस कॉलेज के कटऑफ मार्क्‍स निर्धारित हों। तर्क-शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।
-पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो। तर्क-पारदर्शिता और गति आएगी।
ये थी शिकायतें रानी दुर्गावती विवि के रजिस्ट्रार ने कहा कि उनके यहां समस्याओं का अंबार है। सेक्स स्कैंडल का मामला सामने आने के बाद बाहर के प्रोफेसर कॉपी जांचने से इनकार कर रहे हैं। साथ ही स्टॉफ की भी कमी है। देवी अहिल्या विवि के रजिस्ट्रार ने कहा कि बाहर से परीक्षक आने पर उनके टीए, डीए में समस्या आती है। उन्हें नगद टीए, डीए देने का प्रावधान होना चाहिए।
कड़ाई से हो पालन तो मिले बेहतर रिजल्ट"केवल एक उत्तर पुस्तिका देने, परीक्षा और रिजल्ट ऑनलाइन करने और बिना गैप के परीक्षाएं आयोजित कराने के सुझाव वाजिब हैं। इससे पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही साथ ही काम में भी तेजी आएगी। हालांकि छात्रों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि छात्र मौजूदा प्रक्रियाओं के आदी हो चुके हैं, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग यदि कड़ाई से नई प्रक्रिया का पालन कराएगा तो शिक्षा के स्तर में निश्चित सुधार होगा। परिणाम भी अच्छे मिलेंगे।" संतोष श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय(दैनिक भास्कर,भोपाल,27.8.11)

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