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03 अगस्त 2011

DU: फर्जी एडमिशन में सख्त सजा

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में झूठे सर्टिफिकेट के सहारे एडमिशन लेना एक स्टूडेंट पर काफी भारी पड़ गया। इसका एडमिशन तो कैंसल हुआ ही, साथ ही उस पर कानूनी कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है। कॉलेज प्रिंसिपल ने यूनिवर्सिटी से कानूनी राय मांगी थी। सूत्रों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने कॉलेज को एफआईआर दर्ज करवाने को कहा है।

यह मामला ओबीसी कैटिगरी के एडमिशन से जुड़ा हुआ है। बीए वोकेशनल कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट ने नॉन क्रीमी लेयर का सर्टिफिकेट पेश किया था। इस आधार पर उसे ओबीसी कैटिगरी में एडमिशन मिल गया लेकिन एडमिशन के कुछ दिन बाद ही कॉलेज को शिकायत मिली, जिसमें उसके ओबीसी सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया।


कॉलेज ने जांच की और उससे पैरंट्स का इनकम सटिर्फिकेट भी मांगा पर उसने सबूत नहीं दिया। यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट और उसके पैरंट्स को बुलाया। पैरंट्स ने तर्क दिया कि सर्टिफिकेट बनवाते वक्त वे नॉन क्रीमी लेयर में आते थे लेकिन अब क्रीमी लेयर में आ गए हैं। लेकिन कॉलेज अधिकारियों का तर्क था कि सटिर्फिकेट इसी साल जून का बना हुआ है, तो ऐसे में एक महीने में इनकम स्टेटस कैसे बदल सकता है। 

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. इंद्रजीत ने बताया कि इसके बाद पैरंट्स ने एडमिशन कैंसल करने की दरख्वास्त की और एडमिशन कैंसल कर दिया गया। लेकिन कॉलेज ने यूनिवर्सिटी से आगे की कार्रवाई को लेकर राय मांगी। यूनिवर्सिटी सूत्रों के मुताबिक, दो दिन पहले ही रजिस्ट्रार ऑफिस से कॉलेज को लेटर भेजा गया है, जिसमें इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने को कहा गया है। उधर, प्रिंसिपल का भी कहना है कि यूनिवर्सिटी का लेटर मिलने के बाद वे एफआईआर दर्ज करवा देंगे। 

हिंदू कॉलेज में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था। ओबीसी कैटिगरी में एक स्टूडेंट फजीर् कास्ट सटिर्फिकेट के सहारे एडमिशन लेने पहुंची थी, लेकिन एडमिशन ऑफिसर ने उसके सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा पकड़ लिया। उस कैंडिडेट ने अपने पैरंट्स की सालाना इनकम तीन लाख रुपये बताई थी, जबकि कैंडिडेट के पिता एक नामी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हैं और उनकी सालाना इनकम 10 लाख से ज्यादा ही थी। इसी तरह से कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कॉलेज अपने लेवल पर कुछ एडमिशन की जांच भी करवा रहे हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,3.8.11)।

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