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10 अगस्त 2011

IT फर्मों ने अनुभवी लोगों की भर्ती में कमी की

देश की शीर्ष टेक कंपनियों ने अमेरिका के आर्थिक हालात की वजह से कर्मचारियों की संख्या कम करने या हायरिंग पर रोक लगाने की योजनाओं से इनकार किया है लेकिन रिक्रूटमेंट एजेंसियों और सेक्टर को ट्रैक करने वाले जानकारों का कहना है इन कंपनियों ने पहले ही अनुभवी प्रोफेशनल्स की नियुक्ति की रफ्तार धीमी कर दी है।

देश में लगभग 30 लाख आईटी कर्मचारी हैं और दुनिया में आउटसोर्सिंग के सबसे बड़े बाजार अमेरिका में मंदी के किसी भी संकेत से इनका चिंतित होना लाजिमी है। हालांकि, विप्रो और कॉग्निजेंट जैसी टेक कंपनियों सहित उद्योग के संगठन नास्कॉम का कहना है कि एसएंडपी का अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटाना सॉफ्टवेयर सेवाओं की मांग में कमी की भविष्यवाणी करने का पर्याप्त कारण नहीं है।


देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक इंफोसिस के सीईओ एस गोपालकृष्णन ने कहा, 'पिछली मंदी की याद अभी बाकी है। हमें पता है क्या हुआ था। लेकिन क्या होगा इस बारे में कहना अभी जल्दबाजी होगी।' 
ईटी ने सेक्टर से जुड़े रिक्रूटरों, कंपनी के अधिकारियों और जानकारों से बात की और इनमें से किसी ने भी छंटनी का जिक्र नहीं किया। इनका कहना था कि अब कंपनियों का ध्यान कर्मचारियों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर है। टेक कंपनियां भविष्य में आउटसोर्सिंग की किसी भी मांग के लिए अपने कर्मचारियों का 20-30 फीसदी बेंच पर रखती हैं। जब संभावनाएं कमजोर होती हैं तो लाइव प्रोजेक्ट पर बेंच कर्मचारियों का अनुपात बढ़ जाता है। इससे प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाने के साथ ही काम के लिए ज्यादा इंजीनियरों की बिलिंग करने में मदद मिलती है। 

रिसर्च फर्म गार्टनर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और एनालिस्ट पार्था आयंगर ने कहा कि मांग में अभी कोई कमजोरी नहीं दिखी है और हायरिंग की योजनाओं में कोई बदलाव नहीं है। जानकारों के मुताबिक कंपनियों ने जावा, डॉट नेट और सैप जैसी स्किल वाले अनुभवी कर्मचारियों की हायरिंग कम कर दी है। 

विप्रो के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'सतर्कता भरा रवैया जरूर होगा, क्योंकि हमारा पूरी तरह बच पाना मुश्किल है। यह विशेषकर उन कंपनियों के लिए लागू होगा जिन्होंने बिना किसी योजना के अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है।' 

बंगलुरु की माइंडट्री ने कहा कि वह लागत घटाने के लिए कैम्पस हायरिंग जारी रखेगी। कंपनी के सीएफओ रोस्तोव रावानन का कहना था, 'हम कैम्पस ऑफर का पालन करेंगे और इसमे जरा भी बदलाव नहीं होगा।' मा फोइ रैंडस्टैड के सीईओ ई बालाजी ने कहा, 'इस समाचार से सभी उद्योगों में अनिश्चितता है, लेकिन हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि हायरिंग पर असर पड़ता है या नहीं।' 

आईटी कंपनियों ने खतरे की कोई घंटी बजाने से इनकार करते हुए कहा है कि उनकी हायरिंग की योजनाएं पटरी पर हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष ग्रेजुएट होने वाले इंजीनियरिंग के छात्रों को दिए गए ऑफर बरकरार हैं। कॉग्निजेंट और एमफेसिस का कहना है कि उनकी रिक्रूटमेंट की योजनाओं में कोई बदलाव नहीं होगा(देविना सेनगुप्ता और इंदू नंदकुमार,इकनॉमिक टाइम्स,बेंगलुरू,10.8.11)।

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