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20 सितंबर 2011

अब वकील देश की किसी भी कोर्ट में कर सकेंगे वकालत

अब वकील देश की किसी भी अदालत, श्रम अदालत, उपभोक्ता फोरम, ट्रिब्यूनल, एमएसीटी की विशेष अदालत और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी बिना किसी रुकावट के पेश हो सकते हैं। लगभग 50 सालों के बाद कानून मंत्रालय ने एडवोकेट एक्ट 1961 के सेक्शन 30 को लागू कर दिया है।


इस सेक्शन के मुताबिक वकीलों को किसी भी अथारिटी, अदालत, ट्रिब्यूनल इत्यादि के समक्ष पेश होने का अधिकार है। जब से एक्ट बना है, तब से सेक्शन 30 को लागू ही नहीं किया गया था। इससे सबसे ज्यादा परेशानी दूसरे राज्यों में जाकर प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को उठानी पड़ती थी। इस प्रक्रिया में 6 माह का समय लग जाता था लेकिन अब वह सीधा कहीं भी जाकर प्रैक्टिस कर सकते हैं। उपभोक्ता अदालत में सिर्फ उपभोक्ता को पेश होने की इजाजत थी। 

राइट टू प्रैक्टिस के लिए जरूरी था संशोधन

यह संशोधन वकीलों के राइट टू प्रैक्टिस को सही मायनों में लागू करने के लिए बहुत ही जरूरी था। इससे पहले वकीलों को दूसरे राज्यों में जाकर प्रैक्टिस करने और सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। 

बृज मोहन विनायक, मेंबर, बार काउंसिल आफ इंडिया।

होती थी परेशानी

सेक्शन 30 के नोटिफिकेशन से पहले वकीलों को बहुत परेशानी होती थी। इस नोटिफिकेशन से वकीलों को आ रही समस्याएं कम होंगी।

नवतेज सिंह तूर, मेंबर, पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल(विकास वोहरा,दैनिक भास्कर,जालंधर,20.9.11)।

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