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22 सितंबर 2011

राजस्थानःअनुदानित शिक्षकों को वेतन भुगतान का रास्ता साफ,लागू होगी अंशदायी पेंशन योजना

राजस्थान स्वेच्छा ग्रामीण सेवा नियम के तहत राजकीय सेवा में समायोजित किए गए अनुदानित शिक्षकों को वेतन भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।

राज्य की अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत करीब सात हजार शिक्षकों को राजकीय सेवा में समायोजित करते हुए उनका पदस्थापन सरकारी स्कूलों में किया गया था। इनमें से ज्यादातर शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में लगा दिया गया, जहां पद ही रिक्त नहीं थे। ऐसी स्थिति में उन शिक्षकों का जुलाई और अगस्त का वेतन नहीं बन रहा था।

राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर उनके वेतन भुगतान की व्यवस्था की है। ऐसे शिक्षकों का वेतन ब्लॉक या जिले के किसी भी स्कूल में रिक्त पद से उठाया जा सकेगा।


इस संबंध में माध्यमिक, प्रारंभिक व संस्कृत शिक्षा निदेशक सहित सभी उपनिदेशक और जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं।
राजकीय सेवा में समायोजित किए गए करीब सात हजार अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के कार्मिकों पर अंशदायी पेंशन योजना ही लागू होगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी है। 

केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन और वित्त विभाग के बीच हुए विचार विमर्श के बाद स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा ग्रुप-पांच ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। राजकीय सेवा में समायोजित कार्मिकों पर अब सीपीएफ योजना लागू नहीं होगी। 

उन पर अब राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी) नियम 2005 ही लागू होंगे। इस संबंध में नियमों में संशोधन की कार्रवाई भी चल रही है। 

इसे देखते हुए सरकार ने अनुदानित कार्मिकों के सीपीएफ खाते में जमा राशि को तुरंत वापस निकलवाने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा और संस्कृत शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी किए गए हैं। 

अनुदानित शिक्षण संस्थाओं को भी समायोजित कार्मिकों के सीपीएफ खातों में जमा राशि उन्हें लौटाने के लिए कार्रवाई करने को कहा गया है। 

गौरतलब है कि राजस्थान स्वेच्छा ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम 2010 के नियम 50 के तहत राजकीय सेवा में नियुक्त होने वाले कार्मिकों को यह विकल्प दिया गया था कि वे या तो अपनी सीपीएफ योजना को चालू रखें अथवा राजस्थान सिविल सेवा अंशदायी पेंशन नियम 2005 के तहत लाभ के लिए विकल्प दें(दैनिक भास्कर,बीकानेर-जोधपुर,22.9.11)।

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